लॉकडाउन में रोजगार चले जाने और कोरोना के डर से लाखों की संख्या में लोग दिल्ली से अपने-अपने गांव लौट गए थे। पैदल, साइकिल, रिक्शा या कोई अन्य वाहन, जिसको जैसे मौका मिला वो दिल्ली छोड़कर चला गया था। लेकिन अब सरकार द्वारा ढील दिए जाने के बाद लोग अब फिर काम की तलाश में दिल्ली लौटने लगे हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यूपी के इटावा से एक परिवार लौटकर फिर दिल्ली वापस आया है।
परिवार के मुखिया राजू ने आईएएनएस को बताया, “डेढ़ महीने पहले मैं दिल्ली के तुगलगाबाद से इटावा अपने घर परिवार के साथ लौट गया था। यहां मैं रिक्शा चलाता था। हम वापस तो चले गए, लेकिन मुझे करने को कुछ नहीं मिला। मेरा सामान दिल्ली में रखा हुआ है। मकान मालिक फोन करके बोल रहा है कि किराया दो या कमरा खाली करो। अब कमाने के लिए वापस आया हूं। हमारे पास तो खेती भी नहीं कि उससे कुछ कमा लें।”
इटावा से ही दिल्ली वापस आने वाले अमरजीत की भी कुछ ऐसी ही दास्तां है। अमरजीत का कहना है, “लॉकडाउन के वक्त यहां से चले तो गए। लेकिन करने को मुझे कुछ नहीं मिला। मैं यहां मजदूरी करता था। और वहीं फिर से वही काम करने आया हूं। यहीं कमाएंगे और खाएंगे।”
भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उठाया गया पहला कदम लॉकडाउन था। कोरोना और लॉकडाउन की वजह से फैक्ट्रियां बंद हुईं, जिसके बाद लाखों की तादाद में प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर लौट गए थे, लेकिन अब वे लोग रोजगार की तलाश में फिर दिल्ली लौटने लगे हैं।