दिल्ली सरकार का यह मानना है कि अगर दिल्ली सरकार कोरोना की लड़ाई अकेले लड़ने का फैसला करती तो हार जाती। कोरोना की इस लड़ाई में दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार, विभिन्न राजनीतिक दलों, धार्मिक संस्थाओं व स्वयंसेवी संस्थाओं समेत उन सभी लोगों का शुक्रिया किया है, जिन्होंने कोरोना से लड़ाई में दिल्ली की मदद की है। केजरीवाल ने कहा, “हम केंद्र सरकार समेत सबके पास गए, जिसमें एनजीओ और धार्मिक संस्थाएं भी शामिल हैं। मैं भाजपा और कांग्रेस समेत सभी पार्टियों का भी शुक्रिया अदा करता हूं।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “केंद्र सरकार ने एक फार्मूला बनाया है, जिससे पता लगता है कि आने वाले समय में कोरोना रोगियों की संख्या में कितना इजाफा हो सकता है। केंद्र सरकार के इसी फार्मूले के अनुसार हमने जून के पहले हफ्ते में अनुमान लगाया था कि 15 जुलाई तक दिल्ली में सवा दो लाख कोरोना रोगी भी हो सकते हैं। अनुमान था कि इनमें से एक लाख 34 हजार एक्टिव कोरोना रोगी होंगे और हमें 34000 बेड की आवश्यकता होगी।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “हम सब ने मिलकर जो प्रयास किए, उसके बाद हकीकत में आज केवल 1,15,000 कुल कोरोना केस हैं। इनमें से 18,600 एक्टिव कोरोना रोगी हैं। वहीं 34,000 के मुकाबले आज केवल 4000 अस्पताल बेड की आवश्यकता है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “जून के मुकाबले आज हम बेहतर स्थिति में हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना से हमने जंग जीत ली है। अभी और काम किया जाना बाकी है। कोरोना फिर से बढ़ सकता है। हमें हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते।” उन्होंने लोगों से अपील की है कि हमेशा मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और साबुन से बार-बार हाथ धोते रहें।