बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर केंद्र सरकार द्वारा बिहार की पंचायती राज संस्थाओं को वर्ष 2020-21 की दूसरी किस्त के तौर पर उत्तर प्रदेश के बाद सर्वाधिक 1245़ 50 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट काल में देश की सभी पंचायती राज संस्थाओं के लिए 15,179 करोड़ की राशि जारी की गई है। इस राशि से बिहार में चल रही जल-जीवन-हरियाली व पेयजल निश्चय योजनाओं को गति दी जाएगी।
इसके पहले जून में भी पंचायती राज संस्थाओं के लिए 1,245 करोड़ रुपये की पहली किस्त दी गई थी।
मोदी ने कहा, “इसकी 70 प्रतिशत (867 करोड़) ग्राम पंचायतों, 20 प्रतिशत (250 करोड़) पंचायत समितियों व 10 प्रतिशत (124 करोड़) राशि जिला परिषदों को मिलेगी। वित्त विभाग ने पंचायती राज विभाग को निर्देश दिया है कि 10 दिनों के अंदर सभी पंचायती राज संस्थाओं को राशि भेज दी जाए नहीं तो विलंब होने पर उन्हें दंड के रूप में ब्याज का भुगतान करना होगा।”
भाजपा नेता ने एक बयान जारी कर कहा कि ग्राम पंचायतें उपलब्ध राशि का 80 प्रतिशत घरों तक पाइप से पानी पहुंचाने की पेयजल निश्चय योजना पर तथा 20 फीसदी पंचायतों के चिन्हित कुओं के जीर्णोद्वार पर खर्च करेंगी। इसी प्रकार पंचायत समितियां एक से तीन हेक्टेयर तक के तथा जिला परिषद तीन हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के तालाब-पोखरों की खुदाई व उड़ाही आदि पर खर्च करेंगी।
वित्त आयोग की अनुशंसा पर इस साल बिहार की पंचायती राज संस्थाओं को केंद्र से कुल 5,018 करोड़ रुपये का अनुदान मिलना है, जिसमें से अब तक दो किस्तों में 2,509 करोड़ की राशि मिल चुकी है।