अभिनेत्री ऋचा चड्ढा को लगता है कि पशु उत्पादों के बड़े पैमाने पर उत्पादन और खपत से हमारे ग्रह और मानव जाति को नुकसान हो रहा हो। ऋचा ने कहा, “मीट और पोल्ट्री फॉर्म से पैदा हुई पिछली दो महामारियों को लेकर बहुत चर्चा हुई। पशु उत्पादों का बड़े पैमाने पर उत्पादन और खपत हमारे ग्रह के साथ-साथ मानव जाति को भी नुकसान पहुंचा रही है।”
अभिनेत्री ने पेटा के साथ एक शैक्षिक बातचीत में कोविड-19 के बाद के जीवन में शाकाहारी (वेगान) होने पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, “मैं उपदेशात्मक लगे बिना इस बारे में बात करना चाहती हूं। वेगानिज्म की पूरी अवधारणा ‘जियो और जीने दो’ से उपजी है, इसलिए यह विचार लोगों को वेगान में बदलने पर मजबूर नहीं करता है। भोजन हमारी संस्कृति और भावनाओं से जुड़ा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि लोग इसे एक मौका दें। वे सप्ताह में कुछ दिन शाकाहारी या वेगान बनना शुरू कर सकते हैं। उम्मीद है 2020 में हमारी मानसिकता में बहुत सारे बदलाव होंगे।”
लॉकडाउन और महामारी के बीच ऋचा ने फिर से पढ़ना शुरू किया है। हाल ही में उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें वह एक किताब पढ़ते हुए नजर आ रही थीं।
ऋचा को आखिरी बार कोर्ट रूम ड्रामा ‘सेक्शन 375’ में देखा गया था। उनकी दो फिल्में ‘अभी तो पार्टी शुरू हुई है’ और ‘शकीला’ आने वाली हैं।