कोरोना काल में चांदी की निखार बढ़ती जा रही है, जबकि सोने का भाव ठिठका हुआ है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आई जोरदार तेजी से सोमवार को भारतीय वायदा बाजार में चांदी का भाव सितंबर 2013 के बाद पहली बार 54000 रुपये प्रति किलो से ऊपर चला गया। वहीं कॉमेक्स पर भी चांदी 2016 के बाद के सबसे ऊचे स्तर पर चली गई। चांदी कॉमेक्स पर 20 डॉलर प्रति औंस पर बनी हुई थी। कमोडिटी बाजार के जानकार बताते हैं कि कोरोना काल में खान से चांदी की आपूर्ति कम होने की आशंकाओं के बीच इसकी कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। वहीं, कोरोना के गहराते प्रकोप के बीच औद्योगिक गतिविधियों में सुधार से चांदी की मांग में तेजी की संभावना बनी हुई।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर रात 8.54 बजे चांदी के सितंबर एक्सपायरी अनुबंध में बीते सत्र की क्लोंजिंग से 1115 रुपये यानी 2.11 फीसदी की तेजी के साथ 54,014 रुपये प्रति किलो पर कारोबार कर रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान चांदी का भाव एमएसीएक्स पर 54,130 रुपये प्रति किलो तक उछला, जोकि सितंबर 2013 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले नौ सितंबर, 2013 को एमसीएक्स पर चांदी का भाव 54,507 रुपये प्रति किलो तक उछला था।
एमसीएक्स पर सोने के अगस्त वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से महज 83 रुपये की तेजी के साथ 49,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बना हुआ था, जबकि इससे पहले सोने का भाव कारोबार के दौरान 49,175 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला।
उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स में चांदी के सितंबर वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से 2.24 फीसदी की तेजी के साथ 20.207 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि कारोबार के दौरान कॉमेक्स पर चांदी का भाव 20.297 डॉलर प्रति औंस तक उछला, जोकि 2016 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है।
सोने के अगस्त वायदा अनुबंध में पिछले सत्र से महज 6.15 डॉलर यानी 0.34 फीसदी की तेजी के साथ 1816.15 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले सोने का भाव 1823.35 डॉलर प्रति औंस तक उछला।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने बताया कि सिल्वर इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि 2020 में चांदी की खदानों से आपूर्ति सात फीसदी कम होगी, खासतौर से तब जब औद्योगिक मांग तकरीबन सामान्य रहेगी।
कमोडिटी विश्लेषक अनुज गुप्ता कहते हैं कि वैश्विक स्तर पर औद्योगिक मांग के साथ-साथ देश में आभूषण में भी चांदी की मांग इस बार तेज रह सकती है, क्योंकि मानसून अच्छा है जिससे फसलों की पैदावार अच्छी रह सकती है और जब फसल अच्छी होती है तो आमतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में आभूषणों की मांग बढ़ती है।