बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए एक बार फिर 16 से 31 जुलाई तक जिला व राज्य स्तर पर लागू ‘बंदी’ के दौरान मार्च से मई तक जारी ‘बंदी’ की तरह ही किन्हीं कारणों से अनुपस्थित रहने वाले नियमित सरकारी व संविदा कर्मियों को जुलाई माह के उनके पूर्ण वेतन का भुगतान किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि संविदा और आउटसोर्स के तहत काम करने वाले कर्मियों को बंदी की अवधि का उनकी नियुक्ति की शर्तो के अधीन वेतन भुगतान पूर्व की तरह ही किया जाएगा।
मोदी ने कहा, “वैसे कर्मी जो प्रतिदिन लोकल ट्रेन से यात्रा कर सचिवालय आते थे, को इस अवधि में उपस्थिति से छूट दी गई है। अत: ऐसे कर्मी इस अवधि में उपस्थित माने जाएंगे। इसके अलावा, सरकारी कार्य से भ्रमण पर गए और बंदी लागू होने की वजह से मुख्यालय से बाहर रहे कर्मियों को भी उपस्थित माना जाएगा।”
उन्होंने कहा कि बिना अवकाश स्वीकृत कराए और अनुमति लिए मुख्यालय से बाहर रहने वाले कर्मियों को मुख्यालय वापस आने और नियमानुसार अनुमान्य अवकाश स्वीकृत कराने के बाद ही बंदी अवधि का वेतन भुगतान किया जाएगा।
वित्तमंत्री मोदी ने कहा, “लॉकडाउन अवधि में अपने निर्धारित मुख्यालय में उपस्थित रहने वाले वैसे सभी कर्मियों को, जो भले ही प्रत्येक कार्यदिवस को निर्धारित अवधि में कार्यालय में उपस्थित नहीं रहे हों, को वेतन का भुगतान किया जाएगा।”