चीन से सस्ता व घटिया उत्पादों के आयात पर जल्द नकेल कसने वाली है, क्योंकि आयातित माल को अब भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मानकों पर परखा जाएगा। कारोबारियों का कहना है कि चीन से सस्ता आयात रुकने से घरेलू उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
वाणिज्य मंत्रालय ने 371 आयातित मदों को चिन्हित किया है, जिनके लिए बीआईएस द्वारा मानक तय किए जाएंगे। इनमें ज्यादातर चीनी उत्पाद शामिल हैं, क्योंकि चीन से भारत खिलौने से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सामान सहित विभिन्न प्रकार के उत्पाद आयात करता है। एक धारणा है कि चीनी उत्पाद सस्ते होते हैं, लेकिन कारोबारी बताते हैं कि जो उत्पाद सस्ते होते हैं उनकी क्वालिटी अच्छी नहीं होती है। लिहाजा, सरकार के इस फैसले से चीन से घटिया सामान के आयात पर नकेल कसना तय है।
बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने सोमवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि वाणिज्य मंत्रालय ने 371 आयातित टैरिफ लाइनों की पहचान की है, जिनमें बिजली के सामान, फार्मास्युटिकल्स, केमिकल्स व स्टील के सामान और खिलौने समेत कई अन्य उत्पाद शामिल हैं।
खिलौने की बात करें तो भारत सरकार ने इस साल फरवरी में ही खिलौना, गुणवत्ता नियंत्रण जारी किया था, जो आगामी एक सितंबर से प्रभावी होगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा 25 फरवरी, 2020 को जारी आदेश के अनुसार, खिलौने पर भारतीय मानक चिह्न् यानी आईएस मार्क का इस्तेमाल अनिवार्य होगा।
ट्वॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट अजय अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा कि हालांकि यह मानक भारतीय कारोबारियों पर भी लागू होगा, लेकिन इससे चीन से आयात पर नकेल कसेगी तो घरेलू खिलौना उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
आयातित माल के लिए तय किए जाने वाले मानकों का अनुपालन करवाने के लिए बीआईएस के अधिकारी कांडला, कोचीन व मुंबई जैसे देश के प्रमुख बंदरगाहों पर तैनात होंगे और सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ मिलकर उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करेंगे।
इंडियन इंपोर्ट्स चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के डायरेक्टर टी. के. पांडेय ने कहा कि मानकों पर जब आयातित उत्पादों को परखा जाएगा तो घटिया सामान पर नकेल कसेगी। उन्होंने कहा कि इसमें दो राय नहीं है कि आयातित मालों को मानकों पर परखने से चीन के लिए घटिया माल भारतीय बाजारों में भेजना मुश्किल हो जाएगा।
इस बीच, नए उपभोक्ता संरक्षण कानून में शामिल ई-कॉमर्स कंपनियों को उनके प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले हर उत्पाद के विनिर्माण के मूल देश का नाम लिखना अनिवार्य होगा।
कारोबारी बताते हैं कि लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेना के साथ हुई झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत 20 सैनिकों के शहीद होने की घटना के बाद भारत और चीन के रिश्तों में आई तल्खी का असर बाजार पर भी पड़ा है, क्योंकि चीनी वस्तुओं की खरीदारी के प्रति प्रति लोगों की दिलचस्पी में कमी आई है।