बीते 24 घंटों के दौरान दिल्ली में कोरोना संक्रमण के 1056 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान कोरोना की जांच के लिए दिल्ली में पहले के मुकाबले आधे से भी कम आरटी पीसीआर टेस्ट हुए हैं। एक महीना पहले तक जहां दिल्ली में प्रतिदिन 10 से 11 हजार आरटी पीसीआर टेस्ट किए जा रहे थे, वहीं अब चार से पांच हजार आरटी पीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 26 जुलाई को दिल्ली में केवल 3821 आरटी पीसीआर टेस्ट हुए। इसके अलावा 7685 एंटीजन टेस्ट किए गए। वहीं मंगलवार 28 जुलाई को जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया कि बीते 24 घंटों में दिल्ली में 4843 आरटी पीसीआर टेस्ट किए गए हैं।
इस माह की शुरुआत में एक जुलाई को दिल्ली में कोरोना की जांच के लिए लगभग 11,000 आरटी पीसीआर और करीब 10,000 एंटीजेन टेस्ट किए गए थे।
मंगलवार को दिल्ली सरकार द्वारा जारी कोरोना बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के 1056 नए मामले सामने आए हैं। इसी दौरान 1135 कोरोना संक्रमित व्यक्ति स्वस्थ हुए हैं। 24 घंटों के दौरान ही दिल्ली में 28 व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु हुई। दिल्ली में अब तक 3881 व्यक्ति कोरोना के कारण अपनी जान गवा चुके हैं। राष्ट्रीय राजधानी में कुल 1,32,275 व्यक्तियों को कोरोना हुआ, जिनमें से 1,17,507 व्यक्ति स्वस्थ हो चुके हैं। दिल्ली में फिलहाल 10,887 एक्टिव कोरोना रोगी हैं। इनमें से 6219 कोरोना रोगियों का उपचार उनके घरों पर ही चल रहा है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, दिल्ली के दो करोड़ लोगों की मेहनत और सूझबूझ की वजह से दिल्ली में कोरोना की स्थिति में सुधार हुआ है। आज दिल्ली के मॉडल की चर्चा पूरे देश और पूरी दुनिया में की जा रही है। दिल्ली में दो से तीन फीसदी कोरोना संक्रमित रोगियों की मृत्यु हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा, जून के महीने में कोरोना के मामलों में दिल्ली देशभर में दूसरे नंबर पर थी और अब दसवें नंबर पर नंबर पर है। हमने विशेषज्ञों के साथ बात की और स्थिति को संभाला। बिना दोबारा लॉकडाउन किए दिल्ली में कोरोना को नियंत्रित किया गया, जबकि आज भी सुनने में आता है कि देश के कई अन्य राज्यों और शहरों में लॉकडाउन किया जा रहा है।
दिल्ली के अस्पतालों में 15,408 बेड कोरोना रोगियों के लिए आरक्षित रखे गए हैं। इनमें से 2775 बेड उपयोग में हैं, जबकि 12,633 बेड विभिन्न अस्पतालों में रिक्त पड़े हैं।