दिल्ली के जिन 10 अस्पतालों में कोरोना मरीजों की सबसे अधिक मौतें हो रही थी, उनके अध्ययन के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई थी। बुधवार को उन कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट सीएम अरविंद केजरीवाल को सौंप दी है। कमेटी ने दिल्ली सरकार को दिए सुझावों में कहा, “कोविड वाडरें को शुरुआती जांच के लिए एचएफएनओ, बीआईपीएपी मशीनों से लैस किया जाना चाहिए। बीमार मरीजों को आईसीयू में जल्दी पहुंचाना और शिफ्ट करना चाहिए। रोगी के इलाज में जल्दी प्लाज्मा का उपयोग बढ़ाएं। शुरुआती चेतावनी स्कोर काडरें का उपयोग किया जाना चाहिए। लंबे समय तक वेंटिलेशन और प्रबंधन पर मरीजों में जटिलताओं का शीघ्र पता लगाना चाहिए।”
16 जुलाई को दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग से दिल्ली के सभी अस्पतालों को चेकलिस्ट दी गई थी। जिसके आधार पर काम करने के कारण दिल्ली में कोरोना से मौत में भारी गिरावट आई है। लेकिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की कोशिश है कि मौत को शून्य पर लाया जाए। इसके लिए कमिटियों ने 10 अस्पतालों का दौरा कर जांच की है। इसके बाद समितियों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपी है।
इस रिपोर्ट में समितियों ने सभी अस्पतालों के बारे में अलग-अलग सुझाव दिया है, जिसे अब दिल्ली सरकार लागू करेगी। सीएम ने बुधवार को एक बार फिर से कहा, “कोरोना से मौत को शून्य पर लाने के लिए हर कदम उठाए जाए। हालांकि इन सभी अस्पतालों में पहले के मुकाबले मौत की दर में कमी आई है। हम कोविड-19 मरीजों की निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री की सीधी निगरानी के कारण ही मौतों की दर में कमी आई है। जिसके परिणाम स्वरूप आज दिल्ली में कोविड से पहले की अपेक्षा काफी कम 11 मौतें हुई हैं।”
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने बीते सप्ताह 4 समितियों का गठन किया था। सभी समितियों में 4-4 सदस्य थे। समिति में दो सदस्य आंतरिक चिकित्सा और दो सदस्य एनेस्थेसिया के विशेषज्ञ थे। इन चारों समिति को 10 अस्पतालों में कोविड मौतों के कारण का अध्ययन करने की जिम्मेदारी दी गई थी साथ ही यह समितियों को आवंटित अस्पतालों में यह भी देखेने के लिए कहा गया था कि कोविड मरीजों के इलाज में मानकों और प्रोटोकॉल का पालन किया गया था या नहीं।