शहरों से गांव लौटे प्रवासी मजदूरों को आजीविका का साधन मुहैया करवाने के लिए चलाए गए गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) के तहत करीब छह सप्ताह में देशभर में करीब 17 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए हैं। रोजगार के इस अभियान के तहत बीते 45 दिनों में 13,240 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। कोरोना काल में शहरों से गांव लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के साथ-साथ गांवों को संवारने में उनके हुनर का इस्तेमाल करने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जून को बिहार के खगड़िया जिला स्थित बेलदौर प्रखंड के तेलिहार गांव से इस अभियान का आगाज किया था।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, देश के छह राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों के लिए चलाए गए इस अभियान के शुरुआती 45 दिनों में 16.95 करोड़ मानव दिवस सृजित हुए हैं। एक व्यक्ति द्वारा एक दिन में किए किए कार्य को एक मानव दिवस या मैनडे कहा जाता है।
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के लिए केंद्र सरकार ने 50,000 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जिसमें से 13,240 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इस प्रकार बजट का 26.48 फीसदी रकम खर्च हो चुकी है।
मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक, ग्रामीण इलाके में रोजगार और आजीविका का साधन मुहैया करवाने को लेकर शुरू किए गए इस अभियान के तहत इतने कम दिनों में अनेक बुनियादी संरचनाओं का निर्माण हुआ है।
जानकारी के अनुसार, 2,222 सामुदायिक शौचालयों, 1,74,351 ग्रामीण आवासों, 14,872 मवेशी घरों, 8,963 तालाबों और बकरियों के लिए 3,170 घरों या छप्परों का निर्माण किया जा चुका है। इनके अलावा, जो बुनियादी संरचनाएं विकसित की गई हैं, उनमें जल संरक्षण व संचयन कार्यो की संख्या 62,532 है और पौधरोपण 44,546 हेक्टेयर में की गई है, जिसमें कैंपा फंड भी शामिल है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के तहत होने वाले कार्यो की संख्या 3,194 है, जबकि ठोस व तरल कचरा प्रबंधन कार्यो की संख्या 10,562 है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत 25 कार्यो को शामिल किया गया है, जिनमें सामुदायिक शौचालय, ग्राम पंचायत भवन, राष्ट्रीय राजमार्ग, जल संरक्षण और कुओं के निर्माण के अलावा पौधरोपण, बागवानी, आंगनबाड़ी, ग्रामीण आवास, सड़क निर्माण कार्य, रेलवे के कार्य, श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन, पीएम कुसुम योजना, भारत नेट के तहत फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाना, जल जीवन मिशन, पीएम ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट, आजीविका के लिए कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षण, जिला खनिज निधि के तहत कार्य, खेतों में तालाबों का निर्माण, पशु शेड, बकरी का शेड, पोल्ट्री शेड, केंचुआ खाद यूनिट तैयार करने जैसे कार्य भी शामिल हैं।
पिछले महीने केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की प्रगति की समीक्षा की थी, जब बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा था कि कोरोना के कारण घर लौटे श्रमिकों के लिए यह अभियान वरदान साबित हो रहा है।
इस अभियान के तहत बिहार के 32 जिले, उत्तर प्रदेश के 31 जिले, मध्यप्रदेश के 24 जिले, राजस्थान के 22 जिले, ओडिशा के चार और झारखंड के तीन जिलों को शामिल किया गया है।