कोरोना महामारी से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए दुनियाभर में किए जा रहे उपाय, केंद्रीय बैंकों द्वारा की गई ब्याज दरों में कटौती, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी से सोने और चांदी में निवेशक करने के प्रति निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई है जिससे इनकी कीमतों में लगातार तेजी बनी हुई है। बुलियन बाजार के जानकार बताते हैं कि त्योहारी सीजन में भारतीय बाजार में चांदी का भाव 90,000 रुपये प्रति किलो तक जा सकता है जबकि सोना 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को छू सकता है। हालांकि सोना-चांदी की तेजी पर सरार्फा बाजार कारोबारी संगठन का आकलन अलग-अलग है।
केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि सोना काफी महंगा हो गया है, इसलिए आभूषण की मांग चांदी में बढ़ सकती है, वहीं औद्योगिक मांग भी बनी हुई, इसलिए चांदी का भाव दिवाली तक 90,000 रुपये प्रति किलो तक जा सकता है। चांदी इस समय घरेलू बाजार में 78000 रुपये प्रति किलो से नीचे चल रही है और कोरोना काल में बीते पांच महीने में 44,000 रुपये प्रति किलो से ज्यादा महंगी हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि इस सयम महंगी धातुओं की तेजी को सपोर्ट करने वाले सारे कारक अनुकूल हैं इसलिए सोने-चांदी में तेजी बनी रहेगी। केडिया ने सोने का भाव दिवाली तक 60,000 रुपये प्रति किलो तक जाने की संभावना जताई।
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर 18 मार्च को चांदी का भाव 33,580 रुपये प्रति किलो तक टूटा था जबकि शुक्रवार को रिकॉर्ड 77,949 रुपये प्रति किलो तक उछला।
वहीं, सोना एमसीएक्स पर 16 मार्च को 38,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक टूटा था जबकि शुक्रवार को सोने का भाव रिकॉर्ड 56,191 रुपये प्रति 10 ग्राम तक उछला।
कमोडिटी बाजार विश्लेषक एवं एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता का अनुमान है कि सोने का भाव दिवाली तक 59,000-60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम जबकि चांदी का भाव 88,000-90,000 रुपये प्रति किलो तक जा सकता है।
वहीं, इंडिया बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता कहते हैं कि चांदी का भाव अंतराष्ट्रीय बाजार में 37 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है, जिससे भारतीय सरार्फा बाजार में चांदी 95,000 रुपये प्रति किलो तक उछल सकती है। हालांकि सोने के बारे में मेहता का अनुमान है कि दिवाली तक हाजिर में सोना 59,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
उधर, जेम एंड ज्वेलरी ट्रेड काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेटीसीआई) के प्रेसीडेंट शांतिभाई पटेल का कहना है कि सोने में 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक का स्तर देखा जा सकता है, लेकिन चांदी बीते दिनों जिस तरह से उछली है उसमें इसमें जल्द गिरावट आने की संभावना बनी हुई है। उन्होंने कहा कि चांदी में सटोरियों के खेल से इन्कार नहीं किया जा सकता है, इसलिए 90,000 रुपये प्रति किलो का स्तर छूने की संभावना कम है।
पटेल ने कहा कि चांदी घरेलू बाजार में रिकॉर्ड स्तर पर है और त्योहारी सीजन में इसका भाव 80,000-85,000 रुपये प्रति किलो के दायरे में ही रह सकता है। उन्होंने कहा कि हाजिर मांग तक तक नहीं बढ़ेगी जब तक भाव में एक बार स्थिरता नहीं आएगी क्योंकि जिन्हें गहने खरीदने हैं वे भाव टूटने के इंतजार में हैं।
सोने और चांदी में तेजी को सपोर्ट करने वाले मुख्य कारक ये हैं:
1. कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मडरा रहा है जिसके चलते निवेशकों का रुझान सॉफ्ट एसेट्स (शेयर, बांड्स) के बजाय हार्ड एसेट्स (सोना, चांदी या रियलस्टेट्स, कच्चा तेल आदि) की तरफ ज्यादा है। इनमें सोना और चांदी उनकी पहली पसंद है क्योंकि इसे संकट का साथी माना जाता है।
2. कोरोना के कहर से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न देशों में लाए गए राहत पैकेज से सोने और चांदी में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ गई है क्योंकि राहत पैकेज से महंगाई बढ़ने की आशंका बनी रहती है जिसके कारण निवेशकों का झुकाव सुरक्षित निवेश के साधन की तरफ जाता है।
3. भूराजनीतिक तनाव के कारण अनिश्चितता क माहौल में निवेशकों का रुझान सोने और चांदी की तरफ बनी हुई है।
4. अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के चलते सोने और चांदी की तेजी को सपोर्ट मिल रहा है।
5. ईटीएफ की खरीद के प्रति निवेशकों का रुझान होने से सोने और चांदी में तेजी बनी हुई है।
6. सोने के गहनों के मूल्य का 90 फीसदी तक कोरोना काल में कर्ज देने की भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति से घरेलू बाजार में सोने के गहनों की मांग बढ़ सकती है।