प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी की 74वीं वर्षगांठ पर शनिवार को लालकिले के प्राचीर से अपने संबोधन में कोरोना काल में कृषि क्षेत्र में किए गए कानूनी बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि “किसानों को तमाम बंधनों से मुक्त कर दिया गया है।” मोदी ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत की अहम प्राथमिकता आत्मनिर्भर कृषि और आत्मनिर्भर किसान हैं और इनको हम कभी भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। किसानों के हित में कानूनों में एक के बाद एक सुधार आजादी के इतने सालों के बाद किए गए हैं। किसानों को तमाम बंधनों से मुक्त करना होगा, और वो काम हमने कर दिया है।”
उन्होंने यह बात उस कानूनी बदलाव के संबंध में कहा, जिससे अब किसान अब अपनी उपज देशभर में कहीं भी बेच सकता है और उन पर कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) का कोई बंधन नहीं होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना काल में अध्यायदेश लाकर कृषि क्षेत्र में तीन अहम बदलाव किए हैं, जिनमें आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के साथ-साथ ‘कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य संवर्धन और सुविधा अध्यादेश 2020’ और ‘मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता अधिकार प्रदान करना और सुरक्षा कृषि सेवा अध्यादेश 2020’ शामिल हैं।
अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के संकल्प को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने खाद्यान्न उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने में किसानों के योगदान को याद किया।
मोदी ने कहा, “एक समय था, जब हम बाहर से गेहूं मंगवाकर अपना पेट भरते थे। लेकिन हमारे देश के किसानों ने वो कमाल करके दिखा दिया कि कृषि क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर बन गया है। आज भारत के किसान न केवल भारत के नागरिकों का पेट भरते हैं, बल्कि आज भारत उस स्थिति में है कि दुनिया में जिसको जरूरत है, उसको भी हम अन्न दे सकते हैं।”
प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में भी मूल्यवृद्धि की आवश्यकता पर बल दिया ताकि वैश्विक आवश्यकताओं के अनुसार देश की कृषि में बदलाव हो।
उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि कृषि क्षेत्र आधुनिक बने। उपज की फूड प्रोसेसिंग हो, पैकेजिंग की व्यवस्था हो और उसको संभालने की व्यवस्था हो। इसलिए अच्छे इन्फ्रास्ट्रक्चोर की जरूरत है। उन्होंने कोरोना काल में कृषि इन्फ्रास्ट्रक्च र तैयार करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया।
मोदी ने कहा, “आपने देखा होगा कि इस कोरोना कालखंड में ही पिछले दिनों एक लाख करोड़ रुपये एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्च र के लिए भारत सरकार ने आवंटित किए हैं। इन्फ्रास्ट्रक्च र जो किसानों की भलाई के लिए होगा और इसके कारण किसान अपना मूल्य भी प्राप्त कर सकेगा, दुनिया के बाजार में बेच भी पाएगा, विश्व बाजार में उसकी पहुंच बढ़ेगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज हमें ग्रामीण उद्योगों को मजबूत करने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में विशिष्ट प्रकार से आर्थिक कलस्टर बनाए जाएंगे। कृषि और गैर-कृषि उद्योगों का गांव के अंदर एक जाल बनाया जाएगा और उसके कारण उसके साथ-साथ किसानों के लिए जो नए किसान उत्पादक संघ यानी एफपीओ बनाने की हमने कोशिश की है, वो अपने आप में एक बहुत बड़ा आर्थिक सशक्तीकरण का काम करेगा।”