आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोरोना के खिलाफ दिल्ली में लड़ी गई जंग के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा, “कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने का सबसे बेहतरी तरीका है कि आपको अपने ‘होम आइसोलेशन’ प्रक्रिया और आंक्सीमीटर प्रणाली को मजबूत करना होगा।”
केजरीवाल ने देशभर के गांवों में बढ़ रहे कोरोनावायरस के मामलों को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि गांवों में तीन स्तरीय रणनीति अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने देशभर में पार्टी के सभी प्रदेश अध्यक्षों, समन्वयकों और जिलाध्यक्षों को अधिक से अधिक गांवों में एक-एक ऑक्सीजन स्तर जांच केंद्र खोलने का निर्देश देते हुए गांवों की जिम्मेदारी लेने के लिए लोगों से आगे आने की अपील की, ताकि उनके माध्यम से कोरोना मरीजों तक ऑक्सीमीटर पहुंचाया लोगों की जान बचाई जा सके।
अरविंद ने स्पष्ट किया कि सभी राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर अच्छा काम कर रही हैं। सरकारों के साथ ही पूरे समाज की भी जिम्मेदारी बनती है कि सभी आगे आकर एक-दूसरे की जान बचाएं। “हमारा मकसद किसी की कमी निकालने का नहीं है, बल्कि हाथ बढ़ाने और हाथ बंटाने का है।”
केजरीवाल ने कहा, “हमारा पूरा देश, पूरी दुनिया इस समय कोरोना की महामारी से जूझ रही है। दिल्ली में कोरोना की संख्या काफी बढ़ गई थी, आज से दो माह पहले जून में कोरोना के इतने मामले थे कि यहां चारों तरफ डर का माहौल बन गया था। मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, जिससे अफरा-तफरी का माहौल था। लेकिन फिर हम सब लोगों ने सबको साथ लेकर कुछ ही दिनों के अंदर उस पर काबू पाया। मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि हमने कोरोना की बाजी जीत ली है। अभी हमें काफी और आगे जाना है, लेकिन जो स्थिति दो महीने पहले थी, उससे कहीं ज्यादा आज स्थिति नियंत्रण में आ चुकी है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “अब जब कोरोना गांवों में फैल रहा है, तो यह चिंता का विषय है, क्योंकि हमने पिछले 70 साल के अंदर अपने गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं उतनी अच्छी तरह नहीं पहुंचाई हैं। गांवों में अस्पतालों और डॉक्टर्स की कमी है। शहरों में फिर भी अस्पताल और डॉक्टर मिल जाते हैं। लेकिन गांव-गांव में कोरोना फैल जाए, तो इसकी स्थिति बड़ी भयावह हो सकती है।”