हॉकी ने महिला टीम की खिलाड़ियों को युवा अवस्था में वित्तीय तौर पर मजबूत किया है और वह अपने परिवार का अच्छे से ख्याल रखने के काबिल हैं। भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने शुक्रवार को यह बात कही। रानी ने कहा, “मुझे लगता है कि 10-15 साल पहले अगर कोई कहता है कि वह हॉकी में अपना करियर बनाएगा, तो लोग उस पर या तो हंसते या पूछते कि इससे अपना पेट कैसे भरोगे।
लेकिन चीजें अचानक से बदली हैं। हॉकी इंडिया (एचआई) लगातार नेशनल चैम्पियनशिप की मेजबानी कर रही है जिससे युवा खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है और शीर्ष स्तर पर अच्छा प्रदर्शन खिलाड़ी को नौकरी के अलावा राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का मौका भी दे सकता है।”
महिला टीम ने हाल ही कई बड़े टूर्नामेंट्स जीते हैं। टीम ने एशिया कप में रजत पदक भी अपने नाम किया और लगातार दूसरी बार ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने में भी सफल रही। उनकी इस मेहनत के लिए उन्हें समय पर सम्मानित भी किया गया।
खेल रत्न विजेता रानी ने कहा, “मुझे लगता है कि हमारे प्रदर्शन में सुधार महासंघ द्वारा बनाए गए पेशेवर सिस्टम के माध्यम से आया है। हमारे पास जूनियर खिलाड़ियों को पहचानने के लिए अच्छा कार्यक्रम है।”