महामारी के कारण 188 दिनों तक बंद रहने के बाद प्रेम का प्रतीक, 17वीं सदी का स्मारक ताजमहल सोमवार को आगंतुकों के लिए फिर से खोल दिया गया। हालांकि आगरा में कोविड-19 के 144 नए मामले सामने आए हैं, जिसने जिला प्रशासन के लिए परेशानी बढ़ा दी है। एएसआई के अधिकारियों ने सीआईएसएफ सुरक्षाकर्मियों के साथ स्मारक के परिसर की सामाजिक दूरी, मास्क पहनने और स्वच्छता से संबंधित दिशानिदेशरें का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया। एक गाइड ने कहा कि ऑनलाइन टिकट बिक्री ने आगंतुकों की उचित स्क्रीनिंग सुनिश्चित की है।
स्मारक के खुलने से स्थानीय पर्यटन उद्योग के लोग उत्साहित हैं और आने वाले महीनों में इस क्षेत्र के पुनरुद्धार की उम्मीद कर रहे हैं।
जिला मजिस्ट्रेट पी. एन. सिंह ने कहा कि सभी सावधानियां बरती गई हैं और कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
हालांकि अभी तक एडवांस में होटल बुकिंग को लेकर प्रतिक्रिया इतनी उत्साहजनक नहीं हैं, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा और अगर सारी चीजें बिना किसी परेशानी के चलती रहेंगी, तो आगरा में दर्शकों की संख्या बढ़ सकती है। होटल व्यवसायियों को उम्मीद है कि आगरा को प्रमुख शहरों से जोड़ने वाली कुछ नई उड़ानें पर्यटकों को यहां आने के लिए प्रेरित करेंगी।
पिछले 24 घंटों में यहां कोरोनावायरस के 144 नए मामलों का पता चला, जिसके साथ संक्रमण की कुल संख्या 4,850 हो गई। अब तक 3,852 लोग इससे उबर चुके हैं। मरने वालों की संख्या 118 है, जबकि सक्रिय रोगियों की संख्या 880 है।
जिला अधिकारियों ने कोविड रोगियों को एडमिट करने के लिए निजी क्षेत्र में नौ एनएबीएच (नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल्स) अप्रूव्ड अस्पतालों को अनुमति दी है, क्योंकि विशेषज्ञों को डर है कि आने वाले दिनों में 1000 बेड की आवश्यकता हो सकती है। वहीं भारतीय रेलवे के विशेष रूप से डिजाइन किए गए कोविड कोच बिना उपयोग के यार्ड में पड़े हुए हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा कि 26 आइसोलेशन कोच तैयार हैं और अगर प्रशासन चाहे तो इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।
इस बीच पिछले कुछ दिनों में मांग बढ़ने के बाद ऑक्सीजन की आपूर्ति काफी हद तक बहाल कर दी गई है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मरीजों को सलाह दी गई है कि वे एक ऐप के माध्यम से अपना टेस्ट रिपोर्ट ऑनलाइन एकत्र करें।
वहीं आगरा में विशेषज्ञों ने कहा कि, कुछ दिनों में आईसीएमआर द्वारा देशभर में किए गए सीरो सर्वे के निष्कर्षों के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
एस.एन.मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने कहा, “सामाजिक संपर्क के अधिक अवसर और सख्ती में दिए गए ढील के साथ लोगों को दिशानिदेशरें का पालन करने में बहुत सावधानी बरतनी थी।”
एक अधिकारी ने संकेत दिया कि मंदिर और स्कूल 1 अक्टूबर से पहले नहीं खुलेंगे।