केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि तीन नए कृषि बिलों के खिलाफ किसानों का आंदोलन सिर्फ पंजाब तक ही सीमित है और उसका भी कारण राजनीति से जुड़ा हुआ है। जावड़ेकर किसानों से मिलने के लिए और पिछले महीने संसद द्वारा पारित कृषि संबंधी बिलों पर उनकी आशंका को खत्म करने के लिए इस समय गोवा में हैं।
गौरतलब है कि बिलों को लेकर देश के कई हिस्सों में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
जावड़ेकर ने उत्तरी गोवा के मायेम गांव में किसानों की एक बैठक के दौरान कहा, “हमने सोचा कि इन बिलों के कारण आंदोलन शुरू हो गए हैं, लेकिन पंजाब को छोड़कर, कहीं और कोई आंदोलन नहीं हुआ। पंजाब में भी राजनीतिक कारणों से आंदोलन हुआ। पंजाब (आंदोलन) के बारे में मजेदार बात यह है कि यह दावा किया जा रहा है कि एपीएमसी (कृषि उत्पाद विपणन समिति) और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) खत्म हो जाएंगे। लेकिन दोनों अभी भी मौजूद हैं।”
जावड़ेकर ने कहा, “पंजाब में धान की खरीदारी शुरू हो गई है। राजनीति में शामिल होने के कारण किसानों ने धान बेचना और विरोध करना दोनों जारी रखा है। कांग्रेस, जो सत्ता में है, साथ ही शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी विभिन्न कारणों से कानूनों का विरोध कर रही है। आंदोलन राजनीतिक है।”