इंडिगो एयरलाइंस कंपनी के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह हत्याकांड की गुत्थी भले ही पुलिस अब तक नहीं सुलझा पाई है, लेकिन उनकी हत्या के ठेका विवाद से जुड़े होने के सूत्र मिलने के बाद बिहार सरकार ने सभी तरह के सरकारी ठेके में ठेकेदारों के लिए चरित्र प्रमाणपत्र को अनिवार्य कर दिया है। बिहार में अब सरकारी ठेका लेने के पहले ठेकेदार को अपना चरित्र प्रमाणपत्र जमा करना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नियम का सख्ती से पालन भी किया जाएगा।
वैसे, अधिकारियों का यह भी कहना है कि यह परंपरा पहले से ही है, लेकिन अब इसका सख्ती से लागू कराया जाएगा।
बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों को दिए जाने वाले चरित्र प्रमाणपत्र को लेकर ही बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि जल्दी ही इसको लेकर सभी विभागों को आदेश जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ठेकेदार के साथ-साथ वहां काम करने वाले सभी कर्मियों का भी चरित्र प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है। जिनके पास चरित्र प्रमाणपत्र नहीं होंगे, उन्हें काम करने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह चरित्र प्रमाण पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी हुआ होना चाहिए।
सूत्रों का कहना है कि अब बस स्टॉप, पाकिर्ंग, सब्जी हाट जैसे ठेके भी इसमें शामिल किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि इसमें लोगों से ठेकेदार के कर्मियों का सीधे संपर्क होता है, जिसमें सभी कर्मियों को ठेकेदार द्वारा पहचान पत्र देना आवश्यक किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि बिहार में ठेके के विवाद में कई अपराधिक घटनाएं घटती रहती हैं। सरकार इन विवादों पर अंकुश लगाने के लिए ऐसी पहल करने जा रही है।
गौरतलब है कि रूपेश सिंह की हत्या मामले में पुलिस महानिदेशक ए के सिंघल ने दावा करते हुए कहा था कि प्रथम ²ष्टया इस हत्या के पीछे ठेका विवाद से जुड़ा मामला सामने आ रहा है।