केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट 2021-22 में शहरी इलाकों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। शहरी क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर देते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार करके और सिटी बस सेवा प्रारंभ कर शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ाने की दिशा में काम करेगी।
उन्होंने कहा, “देश में इस समय करीब 702 किलोमीटर पारंपरिक मेट्रो ट्रेनें चल रही हैं और 27 शहरों में 1,016 किलोमीटर लंबी मेट्रो तथा आरआरटीएस लाइनों का निर्माण किया जा रहा है।”
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ‘मेट्रो लाइट’ और ‘मेट्रो नियो’ दो नई प्रौद्योगिकियां लागू कर आम लोगों को काफी कम कीमत पर और पहले जैसा अनुभव देने वाली मेट्रो रेल प्रणाली देना चाहती है। यह प्रणाली टियर-2 और टियर-1 शहरों के आस-पास बसे इलाकों में आसान और सुरक्षित आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी।
जिन योजनाओं के लिए केंद्रीय बजट में मदद का प्रावधान किया गया है, वे इस प्रकार हैं :
1. 1,957.05 करोड़ रुपये की लागत से 11.5 किलोमीटर लंबा कोच्चि मेट्रो रेलवे फेज-3
2. 63,246 करोड़ रुपये की लागत से 118.9 किलोमीटर लंबा चेन्नई मेट्रो रेलवे फेज-2
3. 14,788 करोड़ रुपये की लागत से 58.19 किलोमीटर लंबा बेंगलुरू मेट्रो रेलवे प्रोजेक्ट फेज-2ए और 2बी
4. 5,976 करोड़ रुपये की लागत से नागपुर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट फेज-2 और 2,092 करोड़ रुपये की लागत से नासिक मेट्रो का निर्माण।
सीतारमण ने बताया कि सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं का विस्तार करने के लिए 18,000 करोड़ रुपये की लागत से एक नई योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत नवोन्मेषी पीपीपी मॉडल लागू किया जाएगा, जिसके तहत निजी क्षेत्र के परिचालकों को 20,000 से ज्यादा बसों की खरीद, परिचालन, रख-रखाव और वित्त का प्रबंधन करने का अवसर मिलेगा। इस योजना से ऑटोमोबाइल क्षेत्र को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ आर्थिक प्रगति की रफ्तार तेज होगी, युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए आवागमन अधिक आसान हो जाएगा।