देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के हाथों बाल कलाकार के रूप में पुरस्कृत और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बाल्यकाल से ही जुड़े रहे केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों की पीड़ा को महसूस करते हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता और जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया हरियाणा के कद्दावर दलित नेता हैें और अंबाला संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर तीन लाख से अधिक मतों से चुनाव जीतकर तीसरी बार लोकसभा पहुंचे हैं।
उन्होंने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, ”मोदी जी पंचकुला में सात साल रहे जब मुझे उनको नजदीक से जानने का मौका मिला। वह गरीबों और दलितों के दिल के दर्द को महसूस करते हैं।”
उन्होंने यह बात नये कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसानों के संबंध में पूछे गए एक सवाल पर कही।
नरेंद्र मोदी 1992 से 1997 के दौरान पंजाब और हरियाणा के पार्टी प्रभारी थे।
कटारिया ने हालांकि किसान आंदोलन पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन आंदोलन में जिन दो राज्यों के ज्यादा किसान शामिल हैं वहां पैदा हुई भूजल-स्तर की समस्या को लेकर चिंता जरूर जाहिर की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक जमाना था जब भारत को अपनी जरूरत के लिए खाद्यान्न का आयात करना पड़ता था, लेकिन पंजाब और हरियाणा ने गेहूं और धान के उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाया। हालांकि आज यह एक बड़ी समस्या बन गई है। उन्होंने कहा, ”एक किलो चावल पैदा करने में 3,500 लीटर पानी की जरूरत होती है, लेकिन फसल विविधीकरण के लिए किसान तैयार नहीं है।”
दरअसल, पंजाब और हरियाणा के किसानों को इन दोनों फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का पूरा फायदा मिलता है।
बातचीत के दौरान भारत में चल रहे किसान आंदोलन के पक्ष में ट्वीट करने वाली अमेरिकी पॉपस्टार रिहाना का जिक्र होने पर कटारिया ने कहा कि (पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष) राहुल गांधी जब भी विदेश जाते हैं कोई न कोई नया शिगूफा लेकर आते हैं। उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कृषि काूनन को लेकर भी तंज कसा।
कटारिया ने कहा, ”पिछली बार जिस दिन कृषि बिल संसद में पास हुए, उस दिन न तो मां (कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी) और न बेटा (राहुल गांधी) सदन में थे और जब बिल पास हो गए, तब राहुल गांधी पंजाब में इसके विरोध में ट्रैक्टर पर बैठे नजर आए।”
केंद्रीय मंत्री कटारिया ने आईएएनएस को बताया कि वह जब 13 साल के थे तब बाल कलाकार के रूप में गीत गाने पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया था।
उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से वह बाल्यकाल से ही जुड़े रहे। उनके मंच पर इन्होंने कविता पाठ भी किया। कटारिया ने दिवंगत प्रधानमंत्री बाजपेयी के साथ उनके जुड़ाव का एक रोचक प्रसंग भी बताया। उन्होंने बताया कि उनके पिताजी ने बाजपेयी जी के लिए दो बार जूतियां डिजाइन की थीं।
कटारिया ने बताया कि उनके पिता 1942 में राष्ट्रीय स्वयं संघ (आरएसएस) से जुड़े थे और उन्होंने अपने गांव के करीब 50 फीसदी युवकों को संघ से जोड़ा। बाद में कटारिया भी आरएसएस से जुड़े। उन्होंने बताया कि इस समय उनके परिवार के तकरीबन सभी सदस्य संघ से जुड़े हुए हैं।