मुंबई ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र में डेटा सेंटर की क्षमता में सबसे अधिक 24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इस साल तीसरी तिमाही में 200 मेगावाट की वृद्धि हुई है, जैसा कि गुरुवार को एक नई रिपोर्ट में दर्शाया गया है। ओटीटी, आईओटी उपकरणों और सोशल मीडिया के जरिए देश में डेटा खपत में भारी वृद्धि हुई है। इंटरनेशनल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स नाइट फैं्र क के अनुसार, मुंबई में कुल आईटी क्षमता दूसरी तिमाही में 812 मेगावाट से बढ़कर तीसरी तिमाही में 1,006 मेगावाट हो गई।
नाइट फैं्र क इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “मुंबई एपीएसी क्षेत्र में स्थापित शीर्ष डेटा सेंटरों में से एक है। चौथी औद्योगिक क्रांति के बीच डिजिटल परिवर्तन में तेजी आई है, इसलिए डेटा सेंटर जैसे डिजिटल बुनियादी ढांचे की मांग बढ़ना तय है।”
डेटा सेंटर अनुसंधान और विश्लेषिकी मंच डीसी बाइट के साथ साझेदारी में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल की पहली तीन तिमाही में मुंबई में ‘को-लोकेशन’ की आपूर्ति में काफी वृद्धि हुई है और पहली बार शहर की कुल आईटी क्षमता ने 2021 की तीसरी तिमाही में गीगावाट के निशान (एशिया प्रशांत में शंघाई और टोक्यो के साथ) को पार किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में आईटी बिजली का त्रैमासिक टेक-अप 2021 की दूसरी तिमाही में 2.78 मेगावाट से बढ़कर तीसरी तिमाही में 6.42 मेगावाट हो गया है, जो रिकॉर्ड पर उच्चतम तिमाही टेक-अप है।
भारतीय डेटा सेंटर बाजार में इस समय मुंबई, एनसीआर, बेंगलुरु, पुणे, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता के सात शहरों में अनुमानित 445 मेगावाट महत्वपूर्ण आईटी क्षमता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है, मोबाइल की बढ़ती पहुंच के साथ-साथ सोशल मीडिया एप्लिकेशन, आईओटी डिवाइस, ओटीटी और गेमिंग प्लेटफॉर्म जैसे डिजिटल माध्यमों के लिए वैश्विक उपयोगकर्ताओं के बढ़ते आधार के साथ-साथ डेटा खपत में भारी वृद्धि हो रही है।
भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था के 2025 तक बढ़कर 1 खरब डॉलर होने का अनुमान है।
बैजल ने कहा, “डेटा सेंटर विकास की इस कहानी का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसने महामारी की शुरुआत और उससे जुड़े व्यवधानों के बावजूद अच्छी प्रगति की है।”