प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रकोप के बीच कोविड-19 को नियंत्रित और प्रबंधित करने, दवाओं और ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया उपायों की समीक्षा की गई। उन्होंने शीघ्र और प्रभावी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, जांच और टीकाकरण में तेजी लाने के लिए कहा।
अधिकारियों को उच्च टीकाकरण कवरेज और ओमिक्रॉन के मामलों वाले देशों में संक्रमितों की संख्या में वृद्धि को ध्यान में रखने को कहा गया और उन्हें कोविड के नए स्वरूप के आने से विश्व स्तर पर उभरते परिदृश्य के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित तकनीकी और प्राथमिकता वाली कार्रवाइयों से भी अवगत कराया गया।
देश में कोविड-19 और इसके ओमिक्रॉन स्वरूप से संक्रमण की ताजा स्थिति का एक स्नैपशॉट दिखाया गया, जिसमें अधिक संख्या में मामले दर्ज करने वाले राज्य, अधिक मामलों की रिपोर्ट करने वाले जिले और क्लस्टरों की संख्या का आंकड़ा पेश किया गया। उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की पहली एडवाइजरी राज्यों के साथ साझा किए जाने पर की गई कार्रवाई के बारे में भी बताया गया।
पीएम ने अधिकारियों को सभी स्तरों पर उच्च स्तर की सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया। उन्होंने केंद्र को ‘संपूर्ण सरकार’ दृष्टिकोण के तहत नियंत्रण और प्रबंधन के सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के उनके प्रयासों का समर्थन करने के लिए राज्यों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, “महामारी के खिलाफ सक्रिय, केंद्रित, सहयोगात्मक और सहकारी लड़ाई के लिए केंद्र की रणनीति को हमारे भविष्य के सभी कार्यो का मार्गदर्शन करना चाहिए।”
उन्होंने जोर दिया, “नए वेरिएंट के मद्देनजर हमें सतर्क और ‘सावधान’ रहना चाहिए।” और कहा कि महामारी के खिलाफ लड़ाई खत्म नहीं हुई है। कोविड नियमों का निरंतर पालन करने की आवश्यकता आज भी सर्वोपरि है।”
पीएम ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि नए वेरिएंट से उत्पन्न किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए जिला स्तर से शुरू होकर राज्यों में स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्यों के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि ऑक्सीजन आपूर्ति उपकरण स्थापित हैं और पूरी तरह से काम कर रहे हैं।
उन्होंने अधिकारियों को नियमित आधार पर राज्यों के साथ काम करने और मानव संसाधनों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, एम्बुलेंस की समय पर उपलब्धता, संस्थागत संगरोध के लिए कोविड सुविधाओं के संचालन के लिए राज्यों की तत्परता सहित स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विभिन्न घटकों की तैयारियों की स्थिति की समीक्षा करने के लिए भी कहा और होम आइसोलेशन में रहने वालों की प्रभावी और पर्यवेक्षित निगरानी को जरूरी बताया।
उन्होंने कहा कि उभरते हुए समूहों और हॉटस्पॉट के माध्यम से और सक्रिय, त्वरित और प्रभावी निगरानी जारी रखनी चाहिए। उन्होंने समय पर रोकथाम और उपचार के लिए मामलों की त्वरित पहचान सुनिश्चित करने के लिए जांच में तेजी लाने के साथ-साथ इंसाकोग प्रयोगशालाओं में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए काफी संख्या में नमूने भेजने का निर्देश दिया।
पीएम ने कहा कि कम टीकाकरण, बढ़ते मामलों और अपर्याप्त स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे वाले राज्यों में टीमों को भेजा जाना चाहिए, ताकि उन्हें स्थिति में सुधार करने में मदद मिल सके।
उन्हें इस बात से अवगत कराया गया कि 88 प्रतिशत से अधिक पात्र आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक और 60 प्रतिशत से अधिक को दूसरी खुराक दी गई है।
पीएम ने कहा कि राज्यों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि पात्र आबादी का पूरी तरह से टीकाकरण हो।