वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2022-23 पेश किया, जिसमें अगले 25 वर्षों(इंडिया एट 100) के अर्थव्यवस्था की आधारशिला रखी गई और एक खाका तैयार किया गया । केंद्रीय बजट में पूंजीगत व्यय के परिव्यय को एक बार फिर से 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर चालू वर्ष के 5.54 लाख करोड़ रुपये से 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है। यह 2019-20 के खर्च से 2.2 गुना से अधिक हो गया है। 2022-23 में यह परिव्यय जीडीपी का 2.9 प्रतिशत होगा।
राज्यों को सहायता अनुदान के माध्यम से पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए किए गए प्रावधान के साथ किए गए इस निवेश के साथ, केंद्र सरकार का ‘प्रभावी पूंजीगत व्यय’ 2022-23 में 10.68 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो जीडीपी का लगभग 4.1 प्रतिशत होगा।
बजट अनुमान 2021-22 में अनुमानित 34.83 लाख करोड़ रुपये के कुल खर्च के मुकाबले संशोधित अनुमान 37.70 लाख करोड़ रुपये है। पूंजीगत व्यय का संशोधित अनुमान 6.03 लाख करोड़ रुपये है। इसमें एयर इंडिया की बकाया गारंटीकृत देनदारियों और उसकी अन्य विविध प्रतिबद्धताओं के निपटान के लिए 51,971 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
बजट अनुमानों में, 2022-23 में कुल व्यय 39.45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि उधार के अलावा कुल प्राप्तियां 22.84 लाख करोड़ रुपये अनुमानित हैं।
चालू वर्ष में संशोधित राजकोषीय घाटा बजट अनुमान में अनुमानित 6.8 प्रतिशत की तुलना में सकल घरेलू उत्पाद का 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
2022-23 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 प्रतिशत होने का अनुमान है, जो पिछले साल घोषित राजकोषीय समेकन के व्यापक मार्ग के अनुरूप है।
वित्त मंत्री ने कहा, “2022-23 में राजकोषीय घाटे के स्तर को निर्धारित करते हुए, मैं सार्वजनिक निवेश के माध्यम से विकास को मजबूत और टिकाऊ बनाने की आवश्यकता के प्रति सचेत हूं।”
सीतारमण ने कहा कि यह बजट विकास को गति प्रदान करता रहेगा। यह अमृत काल के लिए एक खाका का समानांतर ट्रैक देता है, जो भविष्य उन्मुख और समावेशी है। इसका सीधा फायदा हमारे युवाओं, महिलाओं, किसानों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को होगा।
एक्सप्रेसवे के लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान 2022-23 में लोगों और सामानों की तेज आवाजाही की सुविधा के लिए तैयार किया जाएगा। 2022-23 में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का 25,000 किलोमीटर तक विस्तार किया जाएगा। सार्वजनिक संसाधनों के पूरक के लिए वित्तपोषण के नवीन तरीकों के माध्यम से 20,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
अगले तीन वर्षों के दौरान मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिए एक सौ पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल विकसित किए जाएंगे।
बड़े पैमाने पर उपयुक्त प्रकार की मेट्रो प्रणाली के निर्माण के लिए वित्तपोषण के नवीन तरीकों और तेजी से कार्यान्वयन को प्रोत्साहित किया जाएगा। बड़े पैमाने पर शहरी परिवहन और रेलवे स्टेशनों के बीच मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को प्राथमिकता के आधार पर सुगम बनाया जाएगा।