केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कोयला कंपनियों द्वारा गैर लिंकेज वाले कोयला की नीलामी एक विशेष साझा ई-नीलामी विंडो के जरिये कराने पर शनिवार को अपनी मंजूरी दे दी।
कोयला लिंकेज से किसी क्षेत्र विशेष के ग्राहक को ही कोयले की आपूर्ति की जाती है जबकि इसके विपरीत गैर कोयला लिंकेज का उपयोग किसी भी क्षेत्र को कोयला आपूर्ति करने के लिये किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने शनिवार को इस बाबत अपनी मंजूरी दी कि साझा ई-नीलामी विंडो के जरिये गैर लिंकेज वाले कोयले को उपलब्ध कराया जायेगा।
आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कोल इंडिया लिमिटेड और सिंगानेरी कोलवरी कंपनी की ई-नीलामी विंडो के जरिये गैर लिंकेज कोयला उपलब्ध कराया जायेगा।
यह ई-नीलामी कारोबारियों समेत सभी क्षेत्रों जैसे विद्युत क्षेत्र और गैर नियमित क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेगी और इस नीलामी के माध्यम से क्षेत्र विशेष की नीलामियों की वर्तमान प्रणाली के स्थान पर कोयला उपलब्ध कराया जायेगा।
कोयला उपलब्ध कराने का नया मॉडल विद्युत क्षेत्र और गैर विद्युत क्षेत्र के ग्राहकों को अनुबंधित कीमत पर लिंकेज का कोयला उपलब्धतता को प्रभावित नहीं करेगा।
इस नये मॉडल के माध्यम से उपलब्ध कराये गये कोयले की ढुलाई का मूलभूत विकल्प रेल परिवहन होगा। हालांकि ग्राहक सड़क मार्ग से या अपनी पसंद के मुताबिक कोयला कंपनियों को बिना अतिरिक्त शुल्क या छूट दिये कोयले को उठा सकते हैं।
बाजार में विकृतियों को दूर करके सभी ग्राहकों के लिये ई-नीलामी बाजार में एक भी दर तय रहेगी। यह परिचालन क्षमता में तेजी लायेगा और इससे घरेलू कोयला बाजार में कोयले की मांग बढ़ेगी। इसके अलावा कोयला कंपनियों को विभिन्न क्षेत्रों को कोयला आवंटित करने का अधिकार समाप्त कर दिया जायेगा।
कोयला कंपनियां अपने खदानों से प्राप्त कोयला से कोयला गैसीकरण संयंत्र स्थापित कर पायेंगी जिससे देश में स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकी विकसित हो पायेगी।
विज्ञप्ति के अनुसार, बाजार विकृति दूर करने से घरेलू कोयले की मांग बढ़ेगी और आयातित कोयले पर निर्भरता घटेगी, जिससे देश आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम आगे बढ़ा पायेगा।