भारत में ईरान के राजदूत अली चेगेनी ने कहा है कि उनका देश तेल और गैस के निर्यात के लिये रुपये-रियाल में व्यापार शुरू करके भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार है।
राजदूत ने गुरुवार को एमवीआईआरडीसी वल्र्ड ट्रेड सेंटर और अखिल भारतीय उद्योग संघ (एआईएआई) द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में कहा,रुपया-रियाल व्यापार तंत्र दोनों देशों की कंपनियों को एक-दूसरे से सीधे व्यापार करने और तीसरे पक्ष की मध्यस्थता लागत से बचने में मदद कर सकता है।
उन्होंने कहा कि ईरान रूकी हुई ईरान-पाकिस्तान-भारत पाइपलाइन परियोजना को पुनर्जीवित करने और अन्य वैकल्पिक मार्ग खोजने के लिये भारत के साथ मिलकर काम करने को तैयार है।
अमेरिका द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों के कारण भारत-ईरान के बीच व्यापार 2018-19 (अप्रैल-मार्च) के 17 अरब डॉलर से घटकर चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-जनवरी) में अब दो अरब डॉलर से भी कम हो गया है।
हालांकि, राजदूत ने कहा कि वास्तविक व्यापार आधिकारिक आंकड़ों से कम से कम छह गुना अधिक हो सकता है क्योंकि कई लेन-देन की रिपोर्ट नहीं की गयी है।
चेगेनी ने कहा, यदि दोनों देश रुपया-रियाल व्यापार तंत्र शुरू करते हैं, तो द्विपक्षीय व्यापार 30 अरब डॉलर तक बढ़ सकता है।
भारत यूरिया, पेट्रोकेमिकल्स और ईरान में उत्पादित आर्गेनिक फल जैसे कई उत्पाद ईरान से आयात करता है। भारत भी ईरान को कृषि वस्तुओं, दवा, लोहा और इस्पात, वाहन, क्लिंकर और सीमेंट निर्यात करता है।
बैठक में चेगेनी ने कहा कि ईरान ने व्यापारियों, पर्यटकों और छात्रों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिये भारतीयों के लिये एक पेपर-लेस, इलेक्ट्रॉनिक मल्टीपल वीजा प्रणाली शुरू की है।