अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर केदारनाथ धाम में पुरोहितों सहित तीर्थ यात्रियों ने योग किया। केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देश भर में 75 स्थानों में होने वाले योग कार्यक्रम के लिए केदारनाथ को भी चयनित किया है। इस दौरान करीब 500 श्रद्धालुओं ने योगाभ्यास किया। कड़ाके की ठंड में था। वहीं राज्यभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। योग दिवस के लिए यात्रियों का उत्साह देखते ही बन रहा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री डा. संजीव कुमार बालियान, सचिव मत्स्य पालन संजीव कुमार, अपर सचिव मत्स्य पालन भारत सरकार सागर मेहरा, ज्वाइंट सेक्रेटरी शंकर लक्ष्मण, सचिव पशुपालन डा. वीवीआरसी पुरुषोतम, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, निदेशक मत्स्य पालन डा. नियति जोशी, उप सचिव डा. एसके झा, अपर निदेशक मत्स्य पालन गुनमया पात्रा समेत कई उच्च अधिकारी मौजूद रहे।
योग दिवस पर केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस गुफा में तप किया था, उसको लेकर भी यात्रियों में भारी क्रेज है। स्थिति यह है कि गुफा की बुकिंग 30 जून तक फुल हो गई है। वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री ने केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों के तहत बनाई गई गुफा में 24 घंटे साधना व योग किया था। इसी गुफा में देश-विदेश से यहां यात्री आकर पूरे दिन योग व साधना करते हैं।
इस गुफा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारपुरी में योग व साधना कर पूरे विश्व का ध्यान योग की ओर आकर्षित किया था। पौराणिक समय से ऋषि मुनियों के योग का केंद्र रहे केदारनाथ धाम में आज भी योग व साधना के लिए देश-विदेश से लोग पहुंचते हैं। गढ़वाल मंडल विकास निगम केदारनाथ में बनी तीनों गुफाओं का संचालन कर रहा है।
गढ़वाल मंडल विकास निगम के रीजनल मैनेजर आरएस खत्री ने बताया कि जिस गुफा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तप किया था। उसकी आनलाइन बुकिंग 30 जून तक फुल हो चुकी है। यात्री बड़ी संख्या में मोदी गुफा को लेकर अभी भी पूछताछ कर रहे हैं। इस गुफा का किराया एक दिन का तीन हजार रुपये है। आमजन में इस गुफा को लेकर काफी क्रेज है। वहीं दो अन्य ध्यान गुफाओं की बुकिंग आफलाइन की जा रही हैं।
वहीं केदारनाथ समेत पूरे जिले में लगातार चौथे दिन सोमवार को भी वर्षा हुई। इससे जहां धाम में ठंड बढ़ गई है, वहीं निचले इलाकों में लोग ने गर्मी से राहत की सांस ली। केदारनाथ धाम में पिछले एक सप्ताह से वर्षा का दौर जारी है। इससे यात्रियों को भी दर्शन करने में परेशानी उठानी पड़ रही है। बरसाती ओढ़कर यात्री वर्षा से बच रहे हैं।