केंद्रीय बजट 2023-24 में कुल पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये से 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो अब तक जीडीपी के सबसे उच्च स्तर 3 प्रतिशत पर पहुंच गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में घोषणा की कि पूंजी निवेश परिव्यय को लगातार तीसरे वर्ष 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा। यह 2019-20 में परिव्यय का लगभग तीन गुना होगा।
केंद्र द्वारा प्रत्यक्ष पूंजी निवेश राज्यों को सहायता अनुदान के माध्यम से पूंजीगत संपत्ति के निर्माण के लिए किए गए प्रावधान द्वारा पूरक है। केंद्र के ‘प्रभावी पूंजीगत व्यय’ का बजट 13.7 लाख करोड़ रुपए रखा गया है, जो जीडीपी का 4.5 फीसदी होगा।
एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च के कार्यकारी निदेशक और मुख्य विश्लेषणात्मक अधिकारी सुमन चौधरी ने कहा कि बाजार सरकार से सार्वजनिक पूंजीगत व्यय के लिए एक और प्रतिबद्धता की उम्मीद कर रहा था और इसने निराश नहीं किया है।
केंद्रीय बजट में कुल कैपेक्स परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ से 10.0 लाख करोड़ कर दिया गया है, जो इसे सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत के सर्वकालिक उच्च स्तर पर ले जाता है। यह न केवल बुनियादी ढांचा क्षेत्र को बढ़ावा देगा बल्कि रोजगार और विकास के लिए भी सकारात्मक होगा।
आनंद राठी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष आनंद राठी ने कहा कि पूंजीगत व्यय में 33 प्रतिशत की वृद्धि से 10 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो सड़कों, बंदरगाहों और हवाईअड्डों के निर्माण में सबसे अधिक लंबा रास्ता तय करेगा।
अगले वर्ष के लिए 15.43 ट्रिलियन रुपये का सकल उधारी अनुमान सर्वेक्षण के 15.77 ट्रिलियन रुपये के अनुमान से कम है। राठी ने कहा, उम्मीद है कि इससे बॉन्ड बाजारों को खुशी मिलेगी।