केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया की लिवर कैंसर की दवा ट्रेमेलीमुमैब कॉन्सेंट्रेट को अंत:शिरा में दिए जाने की मंजूरी दे दी है। कंपनी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। डुरवालुमैब के संयोजन में ट्रेमेलिमुमैब के लिए अनुमोदन तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के परिणामों पर आधारित है और इसे अनरेक्टेबल हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा के रोगियों के उपचार के लिए संकेत दिया गया है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि भारत, अमेरिका और कनाडा सहित 16 देशों में किए गए परीक्षण ने ट्रेमेलिमुमैब और डुरवालुमैब बनाम सोराफेनीब के संयोजन के लिए समग्र अस्तित्व के लिए सकारात्मक और महत्वपूर्ण लाभ दिखाया।
एस्ट्राजेनेका इंडिया के नियामक डॉ. अनिल कुकरेजा ने एक बयान में कहा, अनपेक्टेबल लिवर कैंसर वाले रोगियों का पूवार्नुमान अक्सर सीमित होता है और निदान में काफी देरी होती है, अधिकांश मामलों में एक उन्नत और अनपेक्षित चरण में निदान किया जाता है। इसलिए, दीर्घकालिक अस्तित्व में सुधार के लिए अच्छे उपचार विकल्प सर्वोपरि हो जाते हैं।
तीसरे चरण के परीक्षण में ट्रेमेलिमुमैब 300 मिलीग्राम की एकल प्राइमिंग खुराक शामिल थी, जिसमें ड्यूरवालुमैब 1500 मिलीग्राम जोड़ा गया था, इसके बाद हर चार सप्ताह में डुरवालुमैब बनाम सॉराफेनीब का इस्तेमाल किया गया।
इस परीक्षण में कुल 1,324 मरीज शामिल थे, जिनमें अनपेक्टेबल, उन्नत एचसीसी थे, जिनका पूर्व प्रणालीगत उपचार के साथ इलाज नहीं किया गया था और वे स्थानीय चिकित्सा (यकृत और आसपास के ऊतकों के लिए स्थानीयकृत उपचार) के लिए पात्र नहीं थे।