प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ओडिशा के बालासोर का दौरा किया, जहां एक दिन पहले हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना में अब तक 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और 900 से अधिक घायल हैं। उन्होंने मौके पर स्थिति का जायजा लिया और अधिकारियों से बात की। दिल्ली से ओडिशा के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने शुक्रवार शाम बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन पर हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे के संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, मोदी ने दुर्घटनास्थल पर चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने स्थानीय अधिकारियों, आपदा राहत बलों के कर्मियों और रेलवे अधिकारियों के साथ भी बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने भीषण त्रासदी के दर्द को कम करने के लिए ‘संपूर्ण सरकार’ के रुख पर जोर दिया। मोदी ने घटनास्थल से कैबिनेट सचिव तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से भी बात की और उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा कि घायलों और उनके परिवारों को हर तरह की मदद मुहैया कराई जाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि शोक संतप्त परिवारों को असुविधा का सामना न करना पड़े और प्रभावितों को हर संभव सहायता मिलती रहे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने, जो सुबह ही बालासोर पहुंच गए थे, प्रधानमंत्री को दुर्घटना के बारे में और बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी दी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी दुर्घटनास्थल पर मौजूद थे।
वहां से प्रधानमंत्री बालासोर अस्पताल गए जहां उन्होंने ट्रेन हादसे में बचे कुछ लोगों से बात की और डॉक्टरों से भी बातचीत की।
प्रधानमंत्री का पहले शनिवार को गोवा से पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने का कार्यक्रम था, लेकिन ओडिशा में हुए दर्दनाक हादसे के मद्देनजर कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
दुर्घटना के लगभग 16 घंटे बाद, जिसमें दो एक्सप्रेस ट्रेनें – कोरोमंडल एक्सप्रेस और एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस – और एक मालगाड़ी शामिल थी, रेलवे द्वारा शनिवार दोपहर को बचाव अभियान पूरा करने की घोषणा की गई, जिसके बाद रेल मार्ग पर यातायात बहाली का काम शुरू हुआ।
शुक्रवार की दुर्घटना ने 1995 में यूपी के फिरोजाबाद में हुए एक और घातक हादसे की भयावह यादें ताजा कर दीं, जिसमें 358 लोगों की मौत हुई थी।
इसी तरह की एक दुर्घटना में 2 अगस्त 1999 को ब्रह्मपुत्र मेल असम में गैसल के पास अवध-असम एक्सप्रेस से टकरा गई थी, जिसमें लगभग 290 लोगों की जान चली गई थी।