उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महाकुंभ से पहले प्रयागराज में पर्यटन के अलावा आस्था का सम्मान करते हुए विभिन्न मंदिरों के सौंदर्यीकरण और विकास का प्रस्ताव रखा है। महाकुंभ के मद्देनजर यहां स्थायी व अस्थायी रूप से लगभग 47 से अधिक कार्य भी कराए जाने की योजना है। प्रयागराज में महाकुंभ से पहले कई पर्यटन स्थलों का भी विकास होगा। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, भारद्वाज आश्रम में करीब 1550 लाख से कॉरिडोर विकास व सौंदर्यीकरण, प्रवेश द्वार समेत कई कार्य होंगे। द्वादश माधव मंदिर में 1400 लाख, नागवासुकी मंदिर में 523.53 लाख, दशाश्वमेध मंदिर में 283.08 लाख, मनकामेश्वर मंदिर में 667.57 लाख, अलोपशंकरी मंदिर में 700 लाख, पड़िला महादेव मंदिर में 1000 लाख, पंचकोसी परिक्रमा पथ के अंतर्गत आने वाले मंदिरों का 500 लाख, कोटेश्वर महादेव में 150 लाख, कल्याणी देवी का 100 लाख से पर्यटन विकास के लिए कार्य प्रस्तावित हैं। वहीं करछना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मंदिरों का भी 460.17 लाख से विकास होगा। अक्षयवट/सरस्वतीकूप/पतालपुरी मंदिर में कॉरिडोर विकास समेत कई कार्य 1850 लाख से होंगे।
उन्होंने बताया कि महाकुंभ-2025 से पहले फसाड संबंधी 10 से अधिक कार्य भी होंगे। इन पर 18 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। इनमें आस्था का सम्मान करते हुए कई मंदिरों, शिक्षा के मंदिरों आदि पर भी कार्य होंगे। संगम पर स्थित बड़े हनुमान जी मंदिर पर 1.04 करोड़, विमान मंडपम मंदिर पर 2करोड़, नागवासुकी मंदिर, शक्तिपीठ अलोपी देवी मंदिर, सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर पर 1.5-1.5 करोड़ से फसाड लाइटिंग का कार्य प्रस्तावित है। पुराने नैनी ब्रिज से अरैल क्षेत्र के डीपीएस स्कूल तक हैरिटेज हैंगिंग लाइट का कार्य 5 करोड़, इलाहाबाद विश्वविद्यालय स्थित साइंस फैकल्टी टावर पर 1.5 करोड़, चंद्रशेखर आजाद गार्डेन स्थित पब्लिक लाइब्रेरी पर 1.5 करोड़ से फसाड लाइटिंग का कार्य प्रस्तावित है। वहीं म्योहॉल स्पोट्रस कॉम्प्लेक्स व श्रृंगवेरपुर धाम स्थित श्रृंगी ऋषि आश्रम पर एक-एक करोड़ रुपये से फसाड लाइटिंग का कार्य प्रस्तावित है।