जहां दुनिया गेंदबाजी में विविधता लाने की कसम खाती है, वहीं भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी अभी भी इसे बेहतर बनाने और नई गेंद से विकेट लेने में विश्वास रखते हैं। रिप्लेसमेंट के तौर पर वर्ल्ड कप 2023 में प्लेइंग-11 में जगह बनाने वाले मोहम्मद शमी ने अपने दमदार प्रदर्शन से भारत को फाइनल में पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई।
मोहम्मद शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए सेमीफाइनल में एक नहीं, बल्कि कई धमाल किए और सात विकेट चटकाते हुए न्यूजीलैंड की कमर तोड़ दी।
वानखेड़े की पिच पर जो धीमी, सूखी और बल्लेबाजी के लिए अनुकूल थी। इस गेंदबाज ने शुरुआती ओवरों में टीम को सफलता दिलाई। फिर, एक पल ऐसा लगा कि भारत के हाथ से मैच फिसल रहा है, तो वो शमी ही थे जिन्होंने भारत की मैच में वापसी कराई।
प्लेयर ऑफ द मैच शमी जो बांग्लादेश के खिलाफ भारत के चौथे मैच में हार्दिक पांड्या के चोटिल होने के बाद प्लेइंग-11 में शामिल हुए थे। उन्होंने केन विलियमसन (69) और डेरिल मिशेल (134) के बीच 163 रन की साझेदारी को तोड़कर दो विकेट लिए।
शमी ने मैच के बाद कहा, “मैं अपने मौके का इंतजार कर रहा था। मैंने ज्यादा सफेद गेंद वाली क्रिकेट नहीं खेली। मेरी वापसी न्यूजीलैंड के खिलाफ धर्मशाला में शुरू हुई। हम बहुत सारी विविधताओं के बारे में बात करते हैं, लेकिन मैं अभी भी इसे आगे बढ़ाने और विकेट हासिल करने में विश्वास रखता हूं।”
शमी अब इस विश्व कप में केवल छह मैचों में 23 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया के एडम ज़म्पा को पछाड़कर सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए हैं।
इस टूर्नामेंट में शमी के तीसरे पांच विकेट ने भारत को 2015 और 2019 संस्करणों में सेमीफाइनल बाधा पार करने में विफल रहने के बाद विश्व कप फाइनल में पहुंचने में मदद की।
पिच को लेकर पूछे गए सवाल पर शमी ने कहा कि पिच अच्छी थी। हमें ओस को लेकर कुछ डर जरूर था। पिच पर घास खास बढ़िया तरीके से काटी गई थी, लेकिन इस पिच पर हमारे बल्लेबाजों ने बढ़िया स्कोर खड़ा किया। अगर ओस आती, तो हालात अलग हो सकते थे।