हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिनों का बहुत बड़ा महत्व होता है। संतुलित आहार से हम अपने विटामिन की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं। अगर शरीर में विटामिन की कमी हो जाए तो हमें कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं।
इन्हीं विटामिनों में से विटामिन ‘के’ एक ऐसा विटामिन है, जिस पर अक्सर लोगों का ध्यान बहुत कम जाता है। शुरुआत में इस विटामिन की कमी से कोई ज्यादा बड़ा प्रभाव भी नहीं दिखता है। लेकिन धीरे-धीरे विटामिन ‘के’ हमारे शरीर में कई बड़े प्रभाव दिखाने लगती है।
विटामिन ‘के’ ब्लड क्लॉटिंग में अहम भूमिका निभाता है। इसकी कमी हमारे शरीर में घाव हो जाने पर अधिक खून बह सकता है। विटामिन ‘के’ के अन्य लक्षणों में नाक से खून आना, मसूड़ों से खून आना, शरीर में बोन डेंसिटी कम होने से हड्डियों का कमजोर हो जाना और आंतों का कमजोर हो जाना जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
हरदोई के ‘शतायु आयुर्वेदा एवं पंचकर्म केंद्र’ चलाने वाले डॉ. अमित कुमार कहते हैं कि विटामिन ‘के’ हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह बॉडी फंक्शनिंग में खासकर लिवर फंक्शनिंग के लिए बहुत ही जरूरी होता होता है, लेकिन अक्सर इस लोग इस महत्वपूर्ण विटामिन के महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं।
वह आगे कहते हैं, “ इस विटामिन की कमी से अगर हमारे शरीर को होने वाले नुकसानों देखा जाए तो ‘विटमिन के’ की कमी हमारे शरीर को कई बड़े नुकसान पहुंचा सकती है। इनमें हृदय, लीवर, मसूड़े, खून का थक्का जमना, महिलाओं में मासिक धर्म का अनियमित हो जाना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने आगे कहा, “विटामिन ‘के’ में सबसे महत्वपूर्ण विटामिन के1 और विटामिन के2 हैं। विटामिन ‘के1’ हरे पत्तेदार साग और सब्जियों में पाया जाता है। विटामिन ‘के2’ एक ऐसा विटामिन है जो मुख्य रूप से मांस, पनीर और अंडे से प्राप्त होता है और बैक्टीरिया द्वारा संश्लेषण से बनता है। यह विटामिन लीवर कोशिकाओं को ठीक रखकर सिरोसिस से बचाने के अलावा हृदय की कोशिकाओं को भी कई तरह के खतरों से बचाता है। यह शरीर के लिए कई मायनों में बहुत ही महत्वपूर्ण है।”
हालांकि ‘विटामिन के’ की सही मात्रा शरीर में बनाए रखना कोई बड़ी चुनौती नहीं है। आप अपने आहार में कुछ पोषक तत्वों को शामिल कर के इस महत्वपूर्ण विटामिन को अपने शरीर में सही मात्रा में बनाए रख सकते हैं।
इस पर डॉ. अमित कहते हैं, “‘विटामिन के’ की सही मात्रा शरीर में बनाए रखना कोई बहुत बड़ी चुनौती का काम नहीं है। आपके रोजाना खाए जाने वाले आहार से दोनों विटामिनों ‘के1’ और ‘के2’ की दैनिक जरूरतें लगभग पूर्ण हो जाती है। लेकिन जिन लोगों का आहार ही गड़बड़ है उनको समस्याएं होती हैं।”
डॉ. अमित आगे कहते हैं, “सरसों का साग, गेहूं और जौ का आटा, मूली, चुकंदर, लाल मिर्च, मीट, अंडे, फल, अंकुरित अनाज और हरे पत्तेदार सब्जियां ये व्यक्ति के रोजाना रुटीन में शामिल ऐसी चीजें हैं, जिनमें विटामिन ‘के’ के दोनों घटक ‘के1’ और ‘के2’ भरपूर मात्रा में होते हैं। लोग इन चीजों का सेवन करके शरीर में विटामिन ‘के’ के स्तर को बरकरार रख सकते हैं।”