आयुष्मान खुराना एक तय लीक पर चलने वाले अभिनेता नहीं हैं और वे अपने किरदारों को अपने घर ले जाना पसंद नहीं करते हैं। अभिनेता का कहना है कि वह खुद पर अनुचित दबाव डाले बिना नई चीजों का पता लगाना पसंद करते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या उनके किरदार काम के बाद भी उनके साथ रहते हैं, इस पर आयुष्मान ने कहा कि उन्हें आसानी से “स्विच ऑन और स्विच ऑफ” करना आता है।
आयुष्मान ने आईएएनएस को बताया, “मैं एक पद्धति पर चलने वाला अभिनेता नहीं हूं। मैं बहुत आसानी से स्विच ऑन-ऑफ कर लेता हूं इसलिए मैं अपने किरदारों को कभी घर नहीं ले जाता।”
उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति के रूप में मुझे खुद को और अधिक विकसित करने के लिए आगे बढ़ने और नई चीजों का पता लगाने और नई चीजें को सीखने की जरूरत है। निश्चित रूप से, ‘आर्टिकल 15’ या ‘अंधाधुन’ जैसी कुछ ऐसी ही फिल्में हैं। ‘अंधाधुन’ के लिए मैंने पियानो बजाना सीखा, यह मेरे लिए एक डेवलपमेंट था। ‘आर्टिकल 15’ के जरिए मुझे भारत में जाति व्यवस्था के बारे में पता चला। ‘गुलाबो सिताबो’ में मुझे किरदार से ज्यादा अमिताभ बच्चन सर और शूजीत सरकार के साथ सीखने को मिला।”
आयुष्मान को बॉलीवुड की हिट मशीन कहा जा सकता है, लेकिन वह उम्मीदों के दबाव से बचते हैं।
छोटे पर्दे से अपनी यात्रा शुरू करने वाले अभिनेता ने कहा, “दबाव हमेशा रहता है, लेकिन इसके साथ ही मैं जो हूं, मैं उसका भी आनंद लेता हूं। मैं खुद पर अनुचित दबाव नहीं डालता। मुझे हर फिल्म के साथ खुद को बदलने की जरूरत नहीं है।”
आयुष्मान को हाल ही में अमिताभ बच्चन के साथ ‘गुलाबो सिताबो’ में देखा गया था।