केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला ने भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच तालमेल को मजबूत करने और प्रशिक्षण के माध्यम से निरंतर क्षमता निर्माण पर जोर दिया है। शुक्ला ने यह टिप्पणी गुरुवार को सतर्कता एवं भ्रष्टाचार की रोकथाम विषय पर तीन दिवसीय डिजिटल राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान की।
सीबीआई के एक बयान के अनुसार, शुक्ला ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच तालमेल को मजबूत करने और प्रशिक्षण के माध्यम से निरंतर क्षमता निर्माण के बारे में बात की।
सीबीआई निदेशक ने त्वरित जांच और मामलों के त्वरित अभियोजन के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर निवारक कार्रवाई पर भी जोर दिया।
उन्होंने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों/केंद्रीय एजेंसियों से मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया और विचार-विमर्श में उनके योगदान की सराहना की और उन्हें अपनी संपूर्ण भागीदारी के लिए धन्यवाद दिया।
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि ईमानदारी के साथ सेवा करने वाले लोक सेवकों को मान्यता देने और किसी भी संगठन में ईमानदार नेतृत्व को महत्व देने की जरूरत है। उन्होंने ईमानदार नेतृत्व के महत्व के साथ काम करने वाले लोक सेवकों को पहचानने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
प्रतिभागियों में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, सतर्कता ब्यूरो, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से आर्थिक अपराध विंग/सीआईडी, सीवीओ, सीबीआई के अधिकारी और विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल थे।
सम्मेलन के दौरान विभिन्न केंद्रीय जांच एजेंसियों और राज्यों की भ्रष्टाचार रोधी इकाइयों के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार से निपटने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
सीबीआई ने ‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ के साथ राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया था, जो 27 अक्टूबर से दो नवंबर तक मनाया जा रहा है।
‘सतर्कता जागरूकता सप्ताह’ हर साल मनाया जाता है।