दुनियाभर के लोग कोरोनावायरस संक्रमण को खत्म करने के लिए वैक्सीन का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन रूस की ‘स्पुतनिक वी’ की खेप भारत पहुंच चुकी है। दिग्गज भारतीय फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज देश में वैक्सीन का दूसरा और तीसरा ट्रायल शुरू करेगी। मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में, डॉ. रेड्डीज और ‘स्पुतनिक वी’ के लोगो वाले कंटेनरों को एक छोटे ट्रक से उतार दिया गया है।
बुधवार को रूस के नेशनल रिसर्च सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी और रूसी डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) ने घोषणा की थी कि स्पुतनिक वी वैक्सीन ने उच्च प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया। घोषणा की गई है कि वैक्सीन 92 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है।
चार सितंबर को दुनिया के प्रमुख चिकित्सा पत्रिकाओं में से एक, द लैंसेट, ने वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के नैदानिक परीक्षणों (क्लीनिकल ट्रायल) के परिणामों पर एक शोध पत्र प्रकाशित किया है, जिसमें टीकाकरण का कोई गंभीर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया है। इसके अलावा इसकी प्रभावी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया देखी गई है।
दुनियाभर में 50 से अधिक देशों से स्पुतनिक वी वैक्सीन की 1.2 अरब से अधिक खुराक के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं। वैश्विक बाजार के लिए वैक्सीन की आपूर्ति भारत, ब्राजील, चीन, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों में आरडीआईएफ के अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों द्वारा उत्पादित की जाएगी।
इससे पहले अक्टूबर में डॉ. रेड्डीज और रूस डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड ने भारत में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल (डीसीजीआई) से स्पुतनिक वी वैक्सीन के लिए एक दूसरे/तीसरे मानव नैदानिक (ह्यूमन क्लीनिकल) ??परीक्षण करने के लिए स्वीकृति प्राप्त की थी।
बीआईआरएसी चेयरपर्सन और डीबीटी सचिव रेनू स्वरूप ने एक बयान में कहा है कि सरकार कोविड वैक्सीन उम्मीदवारों के फास्ट ट्रैक नैदानिक ??विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उपयुक्त वैक्सीन को बाजार में तेजी से लाने के लिए सुविधा प्रदान करने पर प्रतिबद्ध है।