केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को राज्यों से कहा कि वे अपनी उर्वरक जरूरतों के लिए पहले से योजना बनाएं और केंद्र को इस्टीमेट उपलब्ध कराएं, ताकि उर्वरक विभाग समय पर पर्याप्त राशि उपलब्ध करा सके।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्यों को एनपीके और तरल यूरिया का उपयोग बढ़ाना चाहिए और डीएपी उर्वरकों पर निर्भरता कम करनी चाहिए।
तोमर वर्चुअल तौर पर आयोजित ग्रीष्मकालीन अभियान 2021-22 के लिए कृषि संबंधी राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि 2021-22 की गर्मियों के लिए दलहन, तिलहन और पोषक अनाज के लिए राष्ट्रीय और राज्यवार लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
उर्वरक सचिव ने कहा कि उर्वरकों की पर्याप्त और समय पर उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने खरीफ 2022 के लिए उर्वरकों की अनुमानित उपलब्धता की जानकारी देते हुए कहा कि यूरिया की कुल उपलब्धता 255.28 लाख मीट्रिक टन, डीएपी 81.24, एमओपी 18.50, एनपीकेएस 76.87 और एसएसपी 34 होने की संभावना है।
आईसीएआर द्वारा विकसित नई बीज किस्मों पर तोमर ने कहा कि राज्यों को इनका उपयोग गर्मियों की फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए करना चाहिए।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए कृषि और किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने राज्यों को पूरे ब्लॉक या क्षेत्र को जैविक/ प्राकृतिक कृषि ब्लॉक के रूप में प्रमाणित करने के लिए प्रस्ताव भेजने की सलाह दी, ताकि उस क्षेत्र के किसानों को व्यक्तिगत रूप से प्रमाणपत्र के लिए आवेदन करने की आवश्यकता न हो।
उन्होंने राज्यों से जैविक किसानों के लिए एक बाजार उपलब्ध कराने को भी कहा।
इस अवसर पर ‘भारतीय बीज प्रमाणन पर कार्य नियमावली’ का विमोचन किया गया।