पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कांग्रेस और अन्य पार्टियों के विरोध प्रदर्शन के बीच गुरुवार को राज्यसभा के सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण किया। शपथ लेने के बाद जस्टिस(सेवानिवृत) गोगोई ने सदन में मौजूद सभी सदस्यों का अभिवादन नमस्ते कह कर स्वीकार किया।
सदन के अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू द्वारा गोगोई के शपथ ग्रहण करने की शुरुआत की घोषणा जैसे ही की गई, कांग्रेस, द्रमुक, भाकपा, और आईयूएमएल पार्टी के सदस्य अपनी-अपनी जगह पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे।
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और जयराम रमेश ने घोषणा किए जाने पर चिल्लाने के साथ नारेबाजी शुरू कर दी, जिसकी देखादेखी अन्य सदस्यों ने की।
जब जस्टिस (सेवानिवृत्त) गोगोई सदन की वेल की ओर बढ़े, तो पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नारेबाजी की और सदन से बाहर निकल गए, जिसके बाद अन्य कांग्रेस सदस्यों ने भी उनका अनुसरण किया। वहीं द्रमुक, भाकपा, और आईयूएमएल के सदस्यों ने भी ऐसा ही किया।
जब गोगोई शपथ ले रहे थे, तब सदन में विरोध के नारे लगाए गए और कांग्रेस, द्रमुक, भाकपा और आईयूएमएल के सदस्यों के बाहर निकलते ही वहां शांति छा गई। यह देख नायडू ने कहा, यह नहीं होना चाहिए था..यह अनुचित है.. बहुत अनुचित है।
नायडू ने कहा, हम सभी संवैधानिक पद पर हैं। हमनें कई उदाहरण देखे हैं। हम भारत के राष्ट्रपति की शक्तियों को जानते हैं और हमें सदन में कुछ भी नहीं करना चाहिए। आपके जो भी विचार हैं, आप उसे सदन के बाहर कह सकते हैं। यह आपका अधिकार है।