कल विशाखापट्टनम में हुए गैस रिसाव हादसे के बाद पैदा हालात की समीक्षा के लिए कैबिनेट सचिव श्री राजीव गाबा की अध्यक्षता में लगातार दूसरे दिन राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक हुई।
आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव ने समिति को जमीनी हालात के साथ ही हादसे बाद लोगों की निकासी और संयंत्र में रिसाव को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया। समिति को बताया गया कि टैंकों से आगे किसी भी प्रकार के रिसाव को रोकने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। इस अवसर पर गैस से स्वास्थ्य और पानी तथा हवा की गुणवत्ता पर पड़ने वाले दीर्घकालिक असर पर भी चर्चा हुई।
कैबिनेट सचिव ने वर्तमान स्थिति, तैयारियों, राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। साथ ही हालात का सामना करने के लिए राज्य को हर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। रासायनिक सुरक्षा और औद्योगिक प्रक्रियाओं से जुड़े राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और घटना स्थल पर मौजूद अधिकारियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विचार विमर्श होगा। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर ऐसे विशेषज्ञों का एक दल भी घटना स्थल पर भेजा जाएगा। चिकित्सा प्रोटोकॉल पर चिकित्सा विशेषज्ञों के बीच भी इसी प्रकार का विचार विमर्श कराया जाएगा। जरूरत पड़ने पर अवरोधक रसायन भेजकर भी सहायता सुनिश्चित की जाएगी।
इस बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, रसायन एवं पेट्रो रसायन और औषध सचिव, एनडीआरएफ और स्वास्थ्य सेवाओं के डीजी, एम्स निदेशक और एमएचए तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी उपस्थित रहे। आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ ही विशाखापट्टनम जिले के अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।
-गृह मंत्रालय।