दिल्ली की एक अदालत ने एक महिला कैदी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसने आर्य समाज मंदिर में एक अन्य कैदी के साथ शादी करने के लिए जमानत मांगी थी।
महिला ने दिल्ली की रोहिणी अदालत में इस बात का हवाला देते हुए जमानत मांगी कि वह विवाह योग्य उम्र की है और लॉकडाउन के बीच उसकी शादी 16 मई को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के आर्य समाज मंदिर में नितिन कुमार नाम के एक शख्स के साथ होनी तय हुई है।
जांच अधिकारी राकेश कुमार ने इसका विरोध करते हुए अदालत को बताया कि महिला जिस व्यक्ति के साथ शादी करना चाहती है, वह भी हिरासत में है और वह भी जमानत अर्जी देने की योजना भी बना रहा है।
कुमार ने यह भी कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप गंभीर हैं, इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए।
कोर्ट की कार्यवाही के दौरान, राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक कुमार संजय ने अदालत को यह भी बताया कि विवाह अत्यावश्यक नहीं है और इसे टाला जा सकता है।
जमानत याचिका और दलीलों पर गौर करने के बाद न्यायाधीश जगदीश कुमार ने 8 मई को दिए एक आदेश में कहा, मैं अभियुक्तों को इस स्तर पर अंतरिम जमानत देने का इच्छुक नहीं हूं।