राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने झारखंड में दो वर्ष पुराने नक्सल वित्त पोषण मामले में राज्य में कई जगह छापे मारे हैं।
एजेंसी ने बुधवार को कहा कि उसने मंगलवार को झारखंड के रांची स्थित राम कृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में छापे मारे। एनआईए ने कहा कि एजेंसी ने छापे के दौरान कई दस्तावेज, नकदी, कई बैंक खातों के पेपर बरामद किए। मामले में आगे की जांच चल रही है।
एनआईए ने 9 जुलाई, 2018 को यह मामला अपने हाथ में लिया था। इस मामले को वास्तव में गिरिडीह जिले के डुमरी पुलिस स्टेशन में 22 जनवरी, 2018 को गैरकानूनी गतिविधि(रोकथाम) अधिनियम और आपराधिक कानून संशोधन के तहत दर्ज किया गया था। मामले में मनोज कुमार को छह लाख रुपये नकद और कुछ दस्तावेज के साथ गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए ने कहा कि कुमार ने कथित रूप से भगोड़े भाकपा(माओवादी) के झारखंड क्षेत्रीय समिति के सदस्य कृष्णा दा ऊर्फ कृष्णा हसदा के इशारे पर कंट्रेक्टरों से उगाही की थी।
एनआईए ने जांच के दौरान कुमार और कृष्णा दा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस बात का खुलासा हुआ था कि कुमार आरकेएस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कर्मचारी था और वह कंस्ट्रक्शन कंपनी और नक्सलियों के बीच गिरिडीह में बिचौलिये का काम करता था।
उल्लेखनी है कि भाकपा(माओवादी) द्वारा उगाही की गई धनराशि का उपयोग हथियार, विस्फोटक आदि खरीदने के लिए किया जाता है और इनसब के जरिए वे भारत की संप्रभुता और सुरक्षा को क्षति पहुंचाते हैं।