रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा सचिव अजय कुमार ने बुधवार को रणनीतिक व्यापारिक वार्ता के बाद मॉस्को के रेड स्क्वेयर पर विजय दिवस परेड में भाग लिया, जिसे द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। राजनाथ सिंह रूस के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने कहा, मुझे गर्व है कि भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेनाओं की टुकड़ी भी इस परेड में भाग ले रही है।
मॉस्को की उनकी यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि पूर्वी लद्दाख में सीमा मुद्दे को लेकर चीन के साथ भारत के संबंध बिगड़ गए हैं। दोनों देशों की सेनाएं सीमा संबंधी मुद्दों पर आमने-सामने हैं। लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस हिंसक झड़प में चीनी पक्ष की ओर से भी सैनिक हताहत हुए हैं, मगर उसका वास्तविक आंकड़ा अभी तक पता नहीं चल सका है।
सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत-रूस द्विपक्षीय संबंध एक विशेष रणनीतिक साझेदारी के तहत है, जिसका भविष्य मजबूत है।
सिंह रूसी रक्षा मंत्रालय के निमंत्रण पर मॉस्को गए हैं। उन्हें द्वितीय विश्व युद्ध के में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ यानी रूस की जीत की याद में मनाए जाने वाले विजय दिवस परेड में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।
भारत-रूस संबंधों पर रक्षा मंत्री ने कहा, हमारी एक विशेष रणनीतिक साझेदारी है। हमारे रक्षा संबंध इसके महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक हैं।
सिंह ने रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ बैठक में भारत के रक्षा संबंधों की समीक्षा की। सिंह ने कहा कि यह चर्चा बहुत सकारात्मक और फलदायक रही। उन्होंने कहा कि रूस ने उन्हें आश्वासन दिया है कि मौजूदा रक्षा अनुबंधों को बनाए रखा जाएगा और न केवल इन्हें बनाए रखा जाएगा, बल्कि कई मामलों में उन्हें कम समय में ही आगे भी लेकर जाया जाएगा।
सिंह ने कहा कि भारत के सभी प्रस्तावों को रूसी पक्ष से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और वे चर्चा से पूरी तरह संतुष्ट हैं।
सिंह ने कहा, मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारत और रूस के बीच पारंपरिक मित्रता मजबूत बनी हुई है। हमारे आपसी हित ठोस हैं और हम अपनी विशेष मित्रता की भावना से भविष्य में सहयोग करने के लिए तत्पर हैं।
सिंह ने द्वितीय विश्व युद्ध में जीत के लिए रूसी लोगों के असीम बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि रूस के लोगों ने दुनिया की सुरक्षा में योगदान दिया है।
रक्षा सचिव अजय कुमार ने अपने समकक्ष और रूसी उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन के साथ चर्चा की।