केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को ‘इंडिया टीबी रिपोर्ट 2020’ जारी किया और आश्वासन दिया कि देश 2025 से पहले भी टीबी के खिलाफ लड़ाई जीत सकता है। साल 2017 में केंद्र सरकार ने 2025 तक तपेदिक (टीबी) का उन्मूलन करने के लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (एनएसपी) बनाई थी।
हर्षवर्धन ने कहा कि कुछ राज्यों ने 2025 से पहले भी इसे मिटाने की प्रतिबद्धता जताई है। हिमाचल प्रदेश का लक्ष्य 2021 तक और सिक्किम और लक्षद्वीप का लक्ष्य 2022 तक इससे मुक्त होना है।
रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में 24.04 लाख से अधिक रोगियों के होने का पता चला, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
हर्षवर्धन ने कहा, “यह तपेदिक के खिलाफ हमारी लड़ाई में महत्व रखता है।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल टीबी रोगियों में से 2.9 लाख तक गायब हैं या उनका पता नहीं लग पाया है। उन्होंने कहा, “देश भर में 10 लाख लापता मामलों में से, हम 7.81 लाख मामलों को खोजने में सक्षम रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “पहले टीबी के खिलाफ लड़ाई एक दुष्कर कार्य था लेकिन अब यह असंभव नहीं है। हम 2025 से पहले भी टीबी के खिलाफ लड़ाई जीत सकते हैं।”
टीबी रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी क्षेत्र ने 2012 के 3,000 के मुकाबले पिछले साल सात लाख मामलों का पता लगाया। सफलता दर भी 79 प्रतिशत से बढ़कर 81 प्रतिशत हो गई है।