कनाडा ने खालिस्तानी चरमपंथियों को नो-फ्लाई सूची में रखने का फैसला किया है। ग्लोबल न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, उनमें से एक भगत सिंह बरार पर पाकिस्तान की आईएसआई खुफिया सर्विस के साथ मिलकर भारत में हमले की साजिश रचने का आरोप है।
बरार को 24 अप्रैल, 2018 को वैंकूवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक उड़ान में सवार होने से रोक दिया गया था। उसे बताया गया था कि वह कनाडा की नो-फ्लाई लिस्ट में है। इसके कुछ दिनों बाद ही उसके बिजनेस पार्टनर परवकार सिंह दुलाई को भी इसी कारण से 17 मई, 2018 को टोरंटो की फ्लाइट में सवार होने से रोक दिया गया था।
दो साल बाद भी बरार और दुलाई नो-फ्लाई लिस्ट से बाहर निकलने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। ग्लोबल न्यूज को मिले दस्तावेजों से पता चलता है कि सरकार का आरोप है कि वे आतंकवाद के सूत्रधार हैं।
कनाडा की सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस की पूर्व विश्लेषक जेसिका डेविस ने बताया, मैं उन फाइलों में मिली विस्तृत जानकारी से काफी हैरान थी। एक गुप्त मामले की संक्षिप्त रिपोर्ट के अनुसार, कनाडाई इंटेलिजेंस सर्विस का मानना है कि बरार कनाडा-बेस्ड खालिस्तानी चरमपंथी है जो आतंकवाद संबंधित गतिविधियों से जुड़ा है।
दस्तावेजों से यह भी पता चलता है कि बरार भारत में हमलों का संचालन करने के लिए युवाओं में कट्टरपंथ और चरमपंथ को बढ़ावा दे रहा है, इसके जरिए वह खालिस्तान की स्वतंत्रता पाना चाहता है। इसके लिए वह हथियारों की खरीद भी कर रहा है।
बता दें कि भारत सरकार लंबे समय से शिकायत कर रही है कि कनाडा खालिस्तानी चरमपंथियों के लिए एक आधार है। इसके चलते 23 फरवरी 2018 को कनाडा और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने आपस में सहयोग के लिए एक फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर भी किए थे।