साल 2007 के बाद से लेकर अब तक फ्रांसीसी लेखक सोनिया ब्रेस्लर ने चार बार चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की यात्रा की। तिब्बती संस्कृति के विरासत का रूप लेते हुए उसका विकास करने के बारे में उन्हें गहरी समझ है। हाल में सोनिया ब्रेस्लर ने कहा कि तिब्बत जाने से पूर्व उन्हें लगा कि तिब्बती भाषा लुप्त हो चुकी है। लेकिन राजधानी में ल्हासा हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद उन्हें पता चला कि सभी साइन बोर्ड तिब्बती और चीनी दोनों भाषाओं में लिखे गए हैं, उन्हें लगा कि पश्चिमी मीडिया से प्राप्त तिब्बत संबंधी जानकारी गलत है।
ब्रेस्लर ने कहा, “वास्तव में कई पश्चिमी लोगों को सच्चे मायने में तिब्बती संस्कृति के बारे में जानकारी कम है। हमें खुद वहां जाकर देखना चाहिए। अनुभव और सच्चाई प्राप्त कर पुराने विचार छोड़ने चाहिए। तिब्बती लोगों के साथ आदान-प्रदान करें, स्थानीय संस्कृति की जानकारी लें और स्थानीय स्वादिष्ट खाने का मजा लें।”
सोनिया ब्रेस्लर के विचार में किसी भी एक संस्कृति की रक्षा करना उसे जीवन शक्ति देना है। संस्कृति का विकास करने के लिए दूसरी संस्कृति के साथ आदान-प्रदान किया जाना जरूरी है।