पांच भारतीय इनोवेटर्स ने फैशन फॉर गुड्स साउथ एशिया इनोवेशन प्रोग्राम के दूसरे बैच में अपनी जगह बनाई है। संगठन ने गुरुवार को इसका ऐलान किया है।
कच्चे माल, गीले प्रसंस्करण, पैकेजिंग, उत्पादों के पूर्ण उपयोग और डिजिटल त्वरण में प्रौद्योगिकियों और नवाचारों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कुल नौ इनोवेटर्स चुने गए हैं जिनमें से पांच भारत से हैं जिनका उद्देश्य दक्षिण एशिया में विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए महत्वपूर्ण कार्यक्रम में समाधान लाना है।
फैशन फॉर गुड्स के दूसरे बैच में वैश्विक स्तर पर स्टार्ट-अप्स को शामिल किया गया है जो इंडस्ट्री में बदलाव को अधिक टिकाऊ, परिपत्र प्रणाली की ओर अग्रसर किए जा रहे हैं।
साउथ एशिया इनोवेशन प्रोग्राम के दूसरे बैच में शामिल इनोवेटर्स में जिन्हें शामिल किया गया है वे क्रमश: इस प्रकार हैं : बैग्रोटेक (इंडोनेशिया – कच्चा माल), बायोमाइज (भारत – कच्चा माल), केबी कोल्स साइंसेज (भारत – गीला प्रसंस्करण), ल्यूकरो (भारत – उत्पादों का पूर्ण उपयोग), नॉर्डशील्ड (फिनलैंड – गीला प्रसंस्करण), फाबिया ( भारत – पैकेजिंग), फूल (भारत – कच्चा माल), पॉशक्यू (भारत – डिजिटल एक्सलेरेशन) और स्वैचबुक (अमेरिका – डिजिटल एक्सीलरेशन)।
बायोमाइज टेक्नोलॉजी की तरफ से बांस और एग्री-वेस्ट पर आधारित ग्रैन्यूल तैयार किया जाता है जो प्लास्टिक के विकल्प हैं, ये घरेलू खाद के रूप में प्रमाणित हैं और इनका उपयोग कपड़े तैयार करने के फाइबर्स के रूप में किया जा सकता है। यह एक ऐसा फैब्रिक है जिसे फैशन, मेडिकल और औद्योगिकीय क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा सकता है।
केबी कोल्स की चाह जैव प्रौद्योगिकी की वास्तविक क्षमता पर ध्यान केंद्रित करके फैशन इंडस्ट्री में रंगाई के परिदृश्य में बदलाव लाने की है। विभिन्न नवीकरणीय संसाधनों का पता लगाने के माध्यम से केबी कोल्स प्राकृतिक रंगों को निकालते हैं जिनका उपयोग कपड़ों सहित अन्य चीजों में किया जा सकता है।
ल्यूकरो उत्पादों के पुर्ननिर्माण के लिए उच्च गुणवत्ता, अभिनव और पुनर्नवीनीकरण प्लास्टिक कचरे का उत्पादन करता है, जिसमें प्लास्टिक को मिट्टी में मिलने से बचाकर प्रदूषण को कम करने ने साथ ही अधिक टिकाऊ प्लास्टिक का निर्माण किया जाता है। यह अमेरिका और यूरोप में अपने उत्पादों का निर्यात करते हुए खुदरा, एफएमसीजी और मोटर वाहन सहित कई बड़े उद्योगों के मांग की आपूर्ति करता है।
फैशन फॉर गुड के प्रबंध निदेशक कार्टिन ले कहते हैं, “साउथ एशिया प्रोग्राम के हमारे दूसरे बैच में नौ नए इनोवेटर्स का स्वागत कर हमें बेहद खुशी हो रही है। इंडस्ट्री के सबसे महत्वपूर्ण विनिर्माण इकाइयों में से एक में नवाचारों का समर्थन और प्रयोग पहले से भी कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है जो इसे अधिक मजबूत, टिकाऊ और लचीला बनाने के लिए महत्वपूर्ण समाधान उपलब्ध करा सकें।”