भारतीय महिला फुटबॉल टीम 2022 की शुरुआत में भारत में होने वाले एएफसी महिला एशियाई कप से पहले मानसिक प्रशिक्षण पर ध्यान लगा रही है। मानसिक प्रशिक्षण से मैदान पर उनकी निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होगा और उन्हें बायो-बबल की थकान से निपटने में भी मदद मिलेगी।
तकनीकी से लेकर सामरिक प्रशिक्षण, ताकत और कंडीशनिंग तक, टीम प्रबंधन यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय कर रहा है कि टीम एशिया में सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश करें।
मानसिक प्रशिक्षण एक पहलू है, जिस पर ज्यादातर टीम ध्यान नहीं देती। अब टूर्नामेंट के लिए उनके निर्माण का हिस्सा है।
भारत महिला टीम अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की आधिकारिक वेबसाइट पर एक रिपोर्ट में कहा गया, “फुटबॉल खिलाड़ी को खुली जगह पसंद होती है, क्योंकि उनको लगातार मैच खेलने पड़ते हैं, इसलिए उनके दिमाग को आराम देना अहम हो जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जब खिलाड़ी हर समय फुटबॉल के बारे में सोचते हैं, तो ऐसे में उनके लिए मानसिक प्रशिक्षण लेना बेहद जरूरी हो जाता है।