पालघर घटना से नाराज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) ने घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होने पर बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है। घटना में गुरुवार की रात (16 अप्रैल) को एक भीड़ द्वारा दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी।
महंत गिरी ने कहा, अगर सभी दोषियों को सजा नहीं दी गई तो लाखों नागा साधु और विभिन्न अखाड़ों के सदस्य लॉकडाउन हटने के बाद महाराष्ट्र की ओर मार्च निकालेंगे। महाराष्ट्र सरकार को सभी पुलिस अधिकारियों को नौकरी से निकाल देना चाहिए जो संतों की रक्षा करने में विफल रहे।
एबीएपी के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि महाराष्ट्र में रावण राज है, जहां पुलिस की मौजूदगी में साधुओं की हत्या की जा रही है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निकाल देने और उनकी गिरफ्तारी की मांग की।
उन्होंने आगे कहा कि जिस पूरे इलाके में घटना हुई है, उसे सील किया जाना चाहिए और दोषियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। लॉकडाउन हटने के बाद अखाड़ा परिषद हरिद्वार में आंदोलन की रणनीति तैयार करेगा।
जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरि गिरि ने भी अपने अखाड़े के संतों की निर्मम हत्या की निंदा की। उन्होंने कहा, इन हत्याओं की निंदा करने के लिए कोई शब्द नहीं हैं। वीडियो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि पुलिस निर्दोष साधुओं की रक्षा करने में विफल रही।
अन्य अखाड़ों के प्रमुखों ने भी इस घटना की निंदा की है। 16 अप्रैल की रात को, दो साधु महाराज कल्पवृक्ष गिरि (70) और महाराज सुशील गिरि (35), और उनके चालक नीलेश तेलगड़े (30) को पालघर जिले के एक गांव के पास उनकी कार से खींचकर बाहर निकाला गया और भीड़ द्वारा उन्हें चोर समझकर पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गई।
इस घटना के कारण देशभर में आक्रोश का माहौल है और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मामले में सख्त कार्रवाई का वादा किया है।