पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद कर में भारी बढ़ोतरी के बावजूद देश के प्रमुख महानगरों में बुधवार को दोनों वाहन ईंधनों के दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई।
केंद्र सरकार ने एक दिन पहले पेट्रोल पर उत्पाद कर 10 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया था। उत्पाद कर में इतनी भारी वृद्धि से पेट्रोल और डीजल के दाम में तकरीबन 10.15 रुपए का इजाफा हो सकता है, मगर फिलहाल वक्त इस वृद्धि से दोनों वाहन ईंधन के दाम में कोई इजाफा नहीं हुआ है, जिससे इसका भार उपभोक्ताओं पर पड़े।
इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में मंगलवार को पेट्रोल का दाम बुधवार को पूर्ववत क्रमश: 71.26 रुपये, 73.30 रुपये, 76.31 रुपये और 75.54 रुपये प्रति लीटर बना हुआ था।
वहीं, चारों महानगरों में डीजल की कीमत भी क्रमश: 69.39 रुपये, 65.62 रुपये, 66.211 रुपये और 68.22 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर थी।
सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर सड़क उपकर के रूप में अतिरिक्त उत्पाद कर में आठ रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की है। वहीं, विशेष अतिरिक्त उत्पाद कर पेट्रोल पर दो रुपए जबकि डीजल पर पांच रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया गया है।
कोरोना महामारी के चलते दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां चरमराने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में हाल के दिनों में भारी गिरावट आई, लेकिन इस बीच तकरीबन 50 दिनों तक तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की थी।
हालांकि कुछ राज्यों में मूल्य वर्धित कर यानी वैट में बढ़ोतरी के कारण दोनों वाहन ईंधनों के दाम में वृद्धि देखने को मिली है। मसलन, दिल्ली सरकार द्वारा पेट्रोल पर मूल्य वर्धित कर यानी वैट 27 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी और डीजल पर वैट 16.75 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी करने के फैसले के बाद देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार को डीजल 7.10 रुपये लीटर महंगा हो गया और पेट्रोल के दाम में भी 1.67 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई।